Advertisment

हिमाचल प्रदेश: शिमला में भी गहराया जल संकट, पारंपरिक जल स्रोत बने लोगों का सहारा

Shimla water crisis: दिल्ली ही नहीं देश के कई अन्य इलाके भी इनदिनों जल संकट से जूझ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला भी पानी की समस्या गहरा गई है. पानी की कमी के चलते यहां के लोग पारंपरिक जल स्रोतों से पानी लेने को मजबूर हैं.

author-image
Suhel Khan
New Update
traditional water source

Traditional Water Source ( Photo Credit : Social Media)

Shimla water crisis: उत्तर भारत में प्रचंड गर्मी के बीच कई स्थानों पर जल संकट गहरा गया है. यही नहीं पहाड़ी शहर शिमला भी पानी के संकट का सामना कर रहा है. जल संकट से निपटने के लिए अब पहाड़ों के लोग पारंपरिक जल स्रोतों के ऊपर निर्भर हो गए हैं और अपनी जरूरत का पानी यहां से ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि शहर में लोगों को हर तीन दिन में पानी मिल रहा है, जबकि कुछ इलाकों में तो हर पांच दिन में लोगों को पानी मिल पा रहा है. शहर में 46 से अधिक पारंपरिक जल स्रोत (बोवारी) हैं जिनका उपयोग स्थानीय लोग कर रहे हैं.

Advertisment

ये भी पढ़ें: भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत, बेड़े में शामिल होंगी आधुनिक तकनीक की इतनी पनडुब्बी

शिमला में हर दिन 45 मिलियन लीटर पानी की खपत

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हर दिन 45 मिलियन लीटर पानी की खपत होती है. जल संकट के चलते शिमला नगर निगम शहर में पानी की आपूर्ति में कटौती कर रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हम जल संकट का सामना कर रहे हैं, हमारी नियमित खपत 45 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) है, यह हमेशा 42 एमएलडी के साथ पर्याप्त है. इन दिनों यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. लेकिन हम अब 31 मिलियन लीटर ही पानी मिल पा रहा है.

Advertisment

ये भी पढ़ें: Rahul Gandhi: रायबरेली से सांसद बने रहेंगे राहुल गांधी, वायनाड से प्रियंका गांधी लड़ेंगी उपचुनाव

शहर के कुछ इलाकों में दो दिनों के बाद पानी की आपूर्ति हो रही है. शिमला नगर निगम के मेयर संजय चौहान का कहना है कि, "हमने लोगों को पानी का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करने की अपील की है. जल स्रोत भी सूख रहे हैं, हम भंडारण क्षमता बढ़ाने की भी कोशिश करेंगे और वर्षा जल संचयन शुरू करने की अनुमति देंगे. हम इस पर काम कर रहे हैं."

ये भी पढ़ें: Delhi Jal Sankat: अब दिल्ली के VIP इलाकों में भी पानी की किल्लत, सिर्फ एक ही टाइम आएगा पानी

Advertisment

पारंपरिक स्रोतों से पानी लेने को मजबूर लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि हम पानी की कमी से जूझ रहे हैं जिसके चलते हम पारंपरिक जल स्रोतों से पानी लेने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि उनके पास एक ही प्राकृतिक जल स्रोत है और हम इसे साफ रख रहे हैं और लोग यहां पानी के लिए आते हैं. लोगों को कहना है कि कई दिनों से पानी नहीं  मिलने की वजह से हम बावड़ी (पारंपरिक जल स्रोत) से पानी लेने पर मजबूर हैं. तमाम लोगों का कहना है कि जल संकट के इस दौर में पारंपरिक स्रोत हमारे लिए काफी मददगार साबित हुए हैं.

Source : News Nation Bureau

water crisis Himachal Pradesh news in hindi Himachal Pradesh Shimla heatwave shimla water crisis traditional water source
Advertisment
Advertisment