Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ की घटनाएं हो रही हैं. राज्य में 100 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं. मौसम विभाग ने 10 अगस्त को राज्य के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश, गरज के साथ छींटे पड़ने और बिजली गिरने का 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है. अगले 24 घंटों में कांगड़ा, सिरमौर, चंबा, शिमला, कुल्लू, किन्नौर, सोलन और मंडी जिलों के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बाढ़ की चेतावनी भी दी गई है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की जानकारी
वहीं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मंडी में 37, शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में चार-चार, सिरमौर में दो और हमीरपुर में एक सहित कुल 109 सड़कें बंद हैं. मानसून की गतिविधि की तीव्रता और प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे भूस्खलन और अचानक बाढ़ की आशंका है. निचले इलाकों में तेज हवाओं और जलभराव के कारण बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की भी आशंका जताई गई है.
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बादल फटने से हुई तबाही
आपको बता दें कि 31 जुलाई की मध्य रात्रि को शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने से अचानक बाढ़ आई, जिसमें अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से अधिक लोग लापता हैं. कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर में अचानक बाढ़ की खबरें आई हैं. सबसे अधिक प्रभावित रामपुर उपमंडल के समेज गांव में लगभग 25 लोग लापता हैं.
मंडी के राजभान गांव से शवों की बरामदगी
साथ ही आपको बता दें कि अधिकारियों ने बताया कि मंडी के राजभान गांव से नौ शव बरामद किए गए हैं, कुल्लू जिले के निरमंड और बागीपुल से तीन शव और शिमला जिले के समेज और धड़कोल, ब्रो और सुन्नी बांध के आसपास के इलाकों से 10 शव बरामद किए गए हैं. पुलिस ने कुल 22 शवों में से छह शव बुधवार को बरामद किए. इनमें चार शव शिमला में और दो कुल्लू में पाए गए. अब तक 12 शवों की पहचान हो चुकी है और बाकी शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं. लगभग 85 किलोमीटर क्षेत्र में तलाशी अभियान चल रहा है.
तलाशी और बचाव अभियान
इसके अलावा आपको बता दें कि राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि और शव मिलने की संभावना कम है क्योंकि बह गए क्षेत्र में पहले ही तलाशी अभियान चलाया जा चुका है. लापता लोगों के परिवार के सदस्यों की उम्मीदें टूटने लगी हैं क्योंकि लगातार बारिश के बीच तलाशी और बचाव अभियान को सात दिन हो गए हैं. समेज गांव में चल रहे अभियान के बारे में NDRF के सहायक कमांडिंग अधिकारी करम सिंह ने कहा, ''बारिश हो रही है, लेकिन संयुक्त खोज और बचाव अभियान जारी है.'' उन्होंने बताया कि सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है और कई स्थानों पर भूस्खलन हो रहा है. सड़कों को साफ करने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. सैनिक कुशलता से रस्सियों के जरिए नदी पार कर उन जगहों पर तलाश कर रहे हैं जहां लापता लोगों के मिलने की संभावना है.