हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पानी का संकट 11वें दिन भी बरकरार है। गुरुवार को शिमला के लोगों ने पानी की किल्लत के कारण सड़कों पर बैठ कर अपना विरोध जताया।
पानी के गंभीर संकट से जूझ रहे नाराज शिमला के लोगों ने कच्ची घाटी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-5 को ब्लॉक कर दिया था।
नियमित पानी की सप्लाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नियंत्रण वाली नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की।
हालांकि शिमला नगर निगम ने पुलिस की सुरक्षा में कुछ जगहों पर पानी बांटने का काम किया। इसके लिए 70 पुलिस बल तैनात किए गए थे।
शिमला में पानी के संकट के बीच कई जगहों से पानी के अवैध कनेक्शन की शिकायतें भी आई हैं।
पानी की किल्लत पर शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा, 'मुझे पानी के अवैध कनेक्शन से संबंधित दो शिकायतें मिली हैं और वे सही हैं। इसलिए मैंने कनेक्शन को सीज करने का आदेश दिया है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा है।'
उपायुक्त ने कहा, 'मैंने पानी की उपलब्धता की स्थिति को लेकर कुछ जगहों का दौरा किया है। जांच का आदेश दिया गया है, दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा।'
बता दें कि शिमला में पानी के संकट से पर्यटन उद्योग को खासा नुकसान पहुंच रहा है क्योंकि पर्यटक इस वजह से अपने ट्रिप को रद्द कर रहे हैं।
शिमला में गर्मियों के वक्त हर दिन करीब 20,000 पर्यटक पहुंचते हैं।
इससे पहले मंगलवार को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला नगर निगम को निर्देश दिया था कि टैंकर के जरिये लोगों को पानी पहुंचाए।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम को यह भी आदेश दिया था कि भवन निर्माण और कार धोने के लिए पानी की सप्लाई को रोके।
शहर में भारी पानी संकट को देखते हुए हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।
इसके अलावा पानी की किल्लत को देखते हुए शिमला प्रशासन ने 1 जून से 5 जून तक होने वाले इंटरनेशनल शिमला समर फेस्टिवल स्थगित कर दिया है।
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HIGHLIGHTS
- शिमला में पानी का संकट 11वें दिन भी बरकरार
- सड़कों पर उतरे लोगों ने नगर निगम के खिलाफ किया प्रदर्शन
- संकट के बीच कई जगहों से पानी के अवैध कनेक्शन की शिकायतें
Source : News Nation Bureau