Sanjauli Mosque Row: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक मस्जिद को लेकर विवाद शुरू हो गया है. हिंदू संगठनों का आरोप है इस मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है. इसलिए इसके तोड़ देना चाहिए. जिसे लेकर बुधवार को हिंदू संगठन सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का भी सहारा लेना पड़ा.
संजौली इलाके में निषेधाज्ञा लागू
इससे पहले मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर बढ़ते तनाव और हिंदू संगठनों के बंद के आह्वान के बाद मंगलवार को शिमला के संजौली इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई. शिमला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत निषेधात्मक आदेश जारी किए हैं, जिसमें बिना अनुमति के पांच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने और लाठी, खंजर, लाठियां, भाले, तलवार सहित घातक हथियार ले जाने पर रोक है.
पिछले सप्ताह भी किया प्रदर्शन
बता दें कि इस दौरान कुछ हिंदू संगठनों ने मस्जिद में अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने और राज्य में आने वाले बाहरी लोगों के पंजीकरण की मांग को लेकर बुधवार को बंद का आह्वान किया था. पिछले गुरुवार को, हिंदू समूहों ने अपनी मांग पर जोर देने के लिए विधानसभा और संजौली के आसपास चौड़ा मैदान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था.
#WATCH | Shimla Protests | Himachal Pradesh: Police use water cannons against the protestors to disperse them while they are on their way to the alleged illegal construction of a mosque in the Sanjauli area pic.twitter.com/tmDXReNG4A
— ANI (@ANI) September 11, 2024
क्या बोले जिला मजिस्ट्रेट
शिमला के जिला मजिस्ट्रेट अनुपम कश्यप ने कहा कि संजौली क्षेत्र में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति और सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका के कारण निषेधाज्ञा आदेश जारी किए गए थे. बिना अनुमति के सार्वजनिक रैली, जुलूस और सार्वजनिक स्थानों पर भूख हड़ताल, धरना, नारेबाजी सहित हड़ताल, सड़कों, राजमार्गों, फुटपाथ और यातायात की सामान्य आवाजाही में बाधा उत्पन्न करना और किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा जलाने के लिए किसी भी प्रकार की ज्वलनशील वस्तुओं को ले जाना. आदेश में कहा गया है कि किसी भी सार्वजनिक स्थान, सड़कों और पूजा/प्रार्थना स्थलों पर व्यक्तियों के जाने पर भी प्रतिबंध है. ये आदेश बुधवार को प्रातः 7:00 बजे से रात्रि 11:59 बजे तक सम्पूर्ण संजौली क्षेत्र में प्रभावी रहेगा.
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पूरे मामले पर क्या बोले सीएम सुक्खू
\इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, "कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है. लोगों को शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार है लेकिन किसी भी समुदाय के किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए." उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी समुदायों का सम्मान किया जाता है और विधानसभा अध्यक्ष ने विक्रेताओं की नीति के नियम बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है क्योंकि विवाद एक छोटे से विवाद से शुरू हुआ था.