आतंकी गतिविधि और देशद्रोह मामले में J& K के 11 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकी गतिविधियों से जुड़े सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. बर्खास्त किए गए लोगों में हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन के मुखिया सैयद सलाद्दुदीन के दो बेटे भी शामिल हैं.

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Ravindra Singh
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सांकेतिक चित्र( Photo Credit : फाइल )

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केंद्र सरकार (Centeral Government) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकी गतिविधियों से जुड़े सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. बर्खास्त किए गए लोगों में हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन के मुखिया सैयद सलाद्दुदीन के दो बेटे भी शामिल हैं. आपको बता दें कि आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाले और हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन के दोनों बेटे सरकारी नौकरी में थे. सरकार ने इन लोगों पर आतंकियों से संबंध रखने और टेरर फंडिंग में सहयोग के लिए कड़ी कार्रवाई करते हुए इन 11 लोगों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. 

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में देशविरोधी गतिविधियों को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. आपको बता दें कि सरकार ने संविधान के अनुच्छेद-311 (2) (C) के तहत यह कार्रवाई की है. आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे भी केंद्र सरकार के इस हंटर का शिकार बने हैं. मीडिया सूत्रों की मानें तो बर्खास्त किए गए 11 सरकारी कर्मचारियों में से अनंतनाग से 4 कर्मचारी, बडगाम से 3 कर्मचारी वहीं पुलवामा, कूपवाड़ा और श्रीनगर से एक-एक कर्मचारी हैं.

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बर्खास्त कर्मचारियों में से सबसे ज्यादा 4 कर्मचारी शिक्षा विभाग से थे तो वहीं 2 कर्मचारी जम्मू-कश्मीर पुलिस से थे जबकि बिजली विभाग, कृषि, स्वास्थ्य, एसकेआईएमएस और कौशल विकास विभागों में काम कर रहे थे. दो शिक्षक जो कि अनंतनाग जिले से थे पहला जमात इस्लामी के और दूसरा दुख्तारन-ए-मिल्लत की विचारधारा का समर्थन करने और प्रचार करने सहित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.

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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो पुलिस कॉन्स्टेबल भी केंद्र सरकार की इस कार्रवाई में शामिल हैं. इन कॉन्सटेबलों पर आरोप है कि ये लोग पुलिस विभाग में काम करते हुए अंदर से आतंकवाद का समर्थन करते थे और आतंकवादियों को पुलिस के खिलाफ खुफिया जानकारियां साझा करते थे. कई बार इन दोनों ने आतंकियों के लिए खुफिया जानकारियां साझा की हैं जिसका फायदा उठाकर आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब हुए हैं. 

वहीं बिजली विभाग में तैनात इंस्पेक्टर शाहीन अहमद लोन को आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए हथियारों की तस्करी और उनके लिए परिवहन मुहैय्या करवाने में शामिल होना पाया गया था. साल 2020 में वो जनवरी के महीने में श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर दो आतंकवादियों के साथ हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामाग्री ले जाते हुए पाया गया था. आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा -370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद से आतंकी बौखलाए हुए हैं.  5 अगस्त, 2019 में केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 को निष्प्रभावी बना दिया था और जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था.

HIGHLIGHTS

  • जम्मू-कश्मीर में 11 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त
  • केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लिया बड़ा फैसला
  • आतंकी गतिविधियों में शामिल थे ये कर्मचारी
Jammu and Kashmir Sedition Case terror funding Terror activity Hizbul Muzahideen Terror Organization Hizbul Muzahiddin Saiyad Salahuddin
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