जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 के बाद 144 बच्चों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें अधिकांश बच्चे 9 से 18 साल के बीच के हैं. हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति यानी जुवेनाइल जस्टिस कमेटी (जेजेसी) की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. हालांकि रिपोर्ट में इस बात से इनकार किया गया है कि इन बच्चों को अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, 142 बच्चों को रिहा कर दिया गया है. यह रिपोर्ट राज्य पुलिस और एकीकृत बाल संरक्षण सेवाओं से लिए गए आंकड़ों पर आधारित है.
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रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले से कहा गया है कि अवैध हिरासत के आरोप बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए. राज्य पुलिस का यह भी कहना है कि पत्थरबाजी करते मिले बच्चों को पकड़ा जाता है और बाद में उन्हें उनके घर भेज दिया जाता है. कई बार ऐसी घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी बच्चे को अवैध तरीके से हिरासत में नहीं लिया गया है.
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया गया था कि 5 अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद से कश्मीर में निवारक निरोध कानून के तहत कई नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया. सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और उसके बाद के हालात को लेकर दायर कई याचिकाओं पर संविधान पीठ सुनवाई कर रही है.
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बता दें कि 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था और राज्य को कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो