जम्मू-कश्मीर में जहां एक तरफ कई युवा आतंकवाद से प्रेरित होकर भारतीय सेना और स्थानीय पुलिसकर्मियों पर हमले करते हैं, पत्थरबाजी में शामिल होते हैं, वहीं हजारों ऐसे भी हैं जो इसे सिरे से खारिज कर देश की सेवा करना चाहते हैं. मंगलवार को बारामुला में भारतीय सेना में 111 वेकैंसी के लिए हो रही भर्ती में करीब 2,500 कश्मीरी युवाओं ने हिस्सा लिया. खास बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में युवा तब बहाली के लिए आ रहे हैं जब हाल ही में पुलवामा आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए.
समाचार एजेंसी एएनआई को सेना भर्ती में शामिल होने वाले एक अभ्यर्थी ने कहा, 'आर्मी में शामिल होकर हम देश की सेवा कर सकते हैं और परिवार को भी बचा सकते हैं व उनका देखभाल कर सकते हैं क्योंकि घाटी में बमुश्किल ही रोजगार की संभावनाएं हैं.'
दूसरे अभ्यर्थी ने कहा, 'हम कश्मीर से बाहर नहीं जा सकते. यह हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है. हम उम्मीद करते हैं कि हमारे लिए और भी मौके आएं. अगर कश्मीरी लोगों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाएगा तो वह लोगों से बात कर सकते हैं और मौजूदा संकट को सुलझा सकते हैं.'
Jammu & Kashmir: Several Kashmiri youth take part in an army recruitment drive for 111 vacancies in Baramulla. Bilal Ahmad, army aspirant says, "We will get the chance to sustain our families and serve our nation, what else can one want?" pic.twitter.com/bmtMdYfvsk
— ANI (@ANI) February 19, 2019
पुलवामा हमले के बाद भारत के अलग-अलग राज्यों में कश्मीरी छात्रों पर हो रहे हमलों की रिपोर्ट के बीच यह बहाली हो रही है. हमलों और धमकियों के बीच विभिन्न राज्यों में पढ़ने वाले करीब 300 कश्मीरी छात्र अपने घरों को लौट रहे हैं.
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इसे देखते हुए राज्यपाल के सलाहकार खुर्शीद अहमद गनाई ने विभिन्न राज्यों में पढ़ने वाले जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सुरक्षा का जायजा लिया है. उन्होंने कहा कि वह सभी राज्यों में छात्रों की सुरक्षा के लिए अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
Source : News Nation Bureau