Advertisment

वैष्णो देवी में भूख से 9 घोड़ों की मौत, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

यात्रा बंद होने के कारण कटड़ा में घोड़े वालों के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है. पैसा ना होने के चलते घोड़े वाले, घोड़ों का चारा नहीं खरीद पा रहे हैं और अब चारा ना मिलने से घोड़े भूख का शिकार हो रहे हैं.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
horse

वैष्णो देवी में भूख से 9 घोड़ों की मौत, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश( Photo Credit : फाइल फोटो)

केरल में हुई हथनी की मौत के सदमे से अभी देश उभरा भी नहीं था कि अब जम्मू के कटड़ा में भूख से हुई नौ घोड़ों कि मौत ने पूरे जम्मू कश्मीर को सन्न कर दिया है. लॉकडॉउन के बाद से कटड़ा से माता वैष्णो देवी की यात्रा पिछले तीन महीने से बंद पड़ी है. यात्रा बंद होने के कारण कटड़ा में घोड़े वालों के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है. पैसा ना होने के चलते घोड़े वाले, घोड़ों का चारा नहीं खरीद पा रहे हैं और अब चारा ना मिलने से घोड़े भूख का शिकार हो रहे हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः भारत चीन सीमा विवाद- भारत के 20 सैनिक शहीद, 15 लापता

कटड़ा में माता वैष्णो देवी की बात करें तो यहां 4600 घोड़े हर दिन देश भर से आए श्रद्धालुओं को कटड़ा से माता वैष्णो देवी के भवन और भवन से वापस कटड़ा तक की यात्रा करवाते हैं. हर घोड़े वाला कटड़ा से भवन तक आने जाने की यात्रा के 1650 रुपए प्रति यात्री लेता हैं. इसमें से 50 रुपए प्रति चक्कर घोड़े वालों से टैक्स के रूप में वसूला जाता है. घोड़े द्वारा कराई गई यात्रा का जो पैसे घोड़े वालों के पास आता था उसमे से आधे से ज़्यादा पैसा घोड़े के चारे और स्वास्थ्य पर खर्च करते थे, लेकिन यात्रा बंद होने के चलते घोड़े का चारा तो दूर घोड़े वाले अपने घर तक का खर्च पूरा नहीं कर पा रहे हैं.  

अगर श्राइन बोर्ड की बात करें तो सिर्फ उन्होंने पिछले तीन महीने में सिर्फ बीस बीस किलो चारा घोड़े वालों को उपलब्ध करवाया है जबकि एक घोड़ा सिर्फ एक दिन में ही 10 किलो चारा खाता है. 10किलो चारे की कीमत करीब 120 रुपए है और अगर घोड़े वाला एक दिन में अपने घोड़े को दस किलो चारा खिलता है तो उसे हर महीने करीबन 3500 रुपए खर्च करना पड़ता है. ऐसे में यात्रा बंद होने की वजह से घोड़े वाला अपने घर का खर्चा पूरा नहीं कर पा रहा तो घोड़े का खर्चा कैसे पूरा करेगा यह उसके लिए बड़ी चुनौती है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः Petrol Rate Today: पिछले 11 दिन में दिल्ली में 6 रुपये महंगा हो गया पेट्रोल, चेक करें आज की रेट लिस्ट

वहीं घोड़ों की भूख से हुई मौत का मुद्दा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट भी पहुंच गया है. जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट को एक ईमेल के जरिए इस बात की जानकारी दी गई है जिसके बाद जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट कि डिविजनल बेंच ने डीसी रीसी को नोटिस भेजते हुए एक स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है साथ ही एनिमल हसबेंडरी और शीपरी विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी घोड़ा भूखा ना रहे.

लेकिन फिलहाल अगर प्रशासन की बात करें तो किसी तरह की मदद भी इन घोड़े वालों तक नहीं पहुंची है. इतना ही नहीं मजदूरों को दी जाने वाली एक हजार रुपए की राहत राशि भी इन घोड़े वालों को नहीं मिली है. घोड़े वाले मांग कर रहे हैं कि सरकार जो उनसे टैक्स लेती है कम से कम उसी टैक्स का पैसा उनको दिया जाए ताकि वह अपना घर चला सकें और साथ ही साथ घोड़ों के लिए चारा भी उपलब्ध करवा सकें. वहीं लोकडाउन के बीच यात्रा खुलने की बात से घोड़े वाले काफी उत्साहित थे और श्राइन बोर्ड द्वारा यात्रा शुरू करने की बातों के बीच घोड़े वालों ने अपने और घोड़ों दोनों के मेडिकल सर्टिफिकेट भी तैयार कर लिए थे, लेकिन जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा यात्रा ना शुरू करने से घोड़े वाले काफी निराश हैं और सरकार से अपने और अपने घोड़ों के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं.

Advertisment

Source : Shahnwaz Khan

jammu kashmir horse Vaishno Devi Shrine
Advertisment
Advertisment