जम्मू के डोडा कठुआ और रियासी में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों के आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन जारी हैं. लेकिन इस बीच सुरक्षा एजेंसी के पास आतंकियों को लेकर कई जानकारियां सामने आ रही हैं. नई जानकारी के मुताबिक यह बताया जा रहा है की जम्मू के अलग-अलग इलाकों में पहुंचे आतंकी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनखा और पंजाब प्रांत के रहने वाले हैं और अफगानिस्तान- पाकिस्तान के साथ अमेरिका के खिलाफ लड़कर वापस लौटे हैं. इसके बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों ने मिलकर इन आतंकियों को घुसपैठ करवा कर जम्मू के अलग-अलग इलाकों में भेजा है.
सुरक्षा एजेंसी को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इन आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के द्वारा पूरी प्लानिंग के के साथ भेजा गया है. यह आतंकी जंगल वॉलपेपर में ट्रेन बताए जा रहे हैं इसके साथ ही यह आतंकी मोबाइल फोंस का इस्तेमाल नहीं कर रहे साथ ही यह आतंकी स्थानीय लोगों से भी मिलजुल नहीं रहे हैं. यहां तक कि उनके लिए काम कर रहे ओजी डब्ल्यू वर्कर के संपर्क में भी यह आतंकी नहीं आ रहे ताकि इनकी कोई भी जानकारी सुरक्षा बलों तक ना पहुंच पाए. इसके अलावा यह आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस है. एम 4 अमेरिकी राइफल के साथ-साथ इन आतंकियों के पास दूसरे कई लेटेस्ट वेपन है. यह आतंकी सुरक्षा बलों पर हमला करने के दौरान बॉडी कैंम भी लगा कर रखते हैं ताकि हम लोग हमले की रिकॉर्डिंग पाकिस्तान भेजी जा सके और वहां से उसे सोशल मीडिया के जरिए दहशत पैदा करने के लिए फैलाया जा सके. सुरक्षा एजेंसी को मिली इस जानकारी के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां लगातार इन आतंकियों से जुड़ी हुई दूसरी जानकारियां जुटाना की भी लगातार कोशिश कर रही है.
जम्मू कश्मीर में विदेशी आतंकियों की चप्पे-चप्पे पर तलाश कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने अब सबसे पहले देश के खिलाफ आतंकियों की मदद कर रहे जयचंदों को दबोचना शुरू कर दिया है. डोडा में हुए आतंकी हमलों के बाद डोडा पुलिस ने आतंकियों की मदद कर रहे 4 ओजीडब्ल्यू वर्करों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. 14 जून को पकड़े गए शौकत अली नाम की शख्स ने आतंकियों को पाकिस्तान वीडियो भेजने के लिए वाईफाई की सर्विस उपलब्ध करवाई थी. इससे पहले सुरक्षा एजेंसी ने रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर हुए हमले के मामले में हकीम दिन नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था हकीम दिन ने आतंकियों को खाना देने के साथ-साथ उनकी लॉजिस्टिक मदद की थी. इससे पहले कठुआ में हुए आतंकी हमले मामले में भी सुरक्षा एजेंसियां कई ओजीडब्ल्यू वर्कर्स को गिरफ्तार कर चुकी हैं.
दरअसल, सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भनक लग गई कि जम्मू के अलग-अलग इलाकों से कुछ साल पहले पीओके चले गए आतंकियों द्वारा एक बार फिर अपने इलाकों में ओजीडब्ल्यू तैयार किए गए हैं जो इन विदेशी आतंकियों की मदद कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर नए यानी कि हाइब्रिड ओजीडब्ल्यू वर्कर हैं, जिनकी ज्यादा जानकारी पुलिस के पास नहीं है. यही कारण है कि पुलिस को इन आतंकियों की मदद कर रहे इन ओजीडब्ल्यू वर्करों तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है. लेकिन धीरे-धीरे पुलिस इन विदेशी आतंकियों की मदद कर रहे इन ओजीडब्ल्यू वर्करों तक पहुंच रही है ताकि जम्मू के कठुआ, उधमपुर और डोडा के पहाड़ों और जंगलों में घूम रहे आतंकियों का जल्द से जल्द सफाया किया जा सके .
Source : News Nation Bureau