प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक (PM Narendra Modi's all-party meeting) में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी (J&K Apni Party chief Altaf Bukhari) ने कहा कि मैं ज्यादा अटकलें नहीं लगाना चाहता. मैं इसे एक सकारात्मक विकास के रूप में देखता हूं. पीएम ने 14 मार्च, 2020 को एक प्रक्रिया शुरू की थी जब अपनी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था और अब उन्होंने एक सर्वदलीय बैठक (all-party meeting) बुलाई है. यह एक स्वागत योग्य कदम है. उन्होंने कहा कि चूंकि पीएम ने सभी दलों की बैठक बुलाई है, मेरा मानना है कि वह कोई एजेंडा तय नहीं करना चाहते हैं. इसके बजाय, वह जानना चाहता है कि जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) के लोग किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, और राजनीतिक दल उन्हें कैसे देख रहे हैं.
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पीएम को खुले दिल की जरूरत
अल्ताफ बुखारी ( Altaf Bukhari) कहा कि जिस तरह से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण था. लोग अभी भी दर्द और गुस्से में हैं. इसलिए पीएम को खुले दिल की जरूरत है. हम लोकतंत्र का फल (fruits of democracy) भी देखना चाहते हैं. हमारे पास भी वही अधिकार होने चाहिए जो महाराष्ट्र या असम के किसी व्यक्ति के पास हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक अपनी पार्टी के विचारों का संबंध है, हमें लगता है कि हमारे पास राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा संबंधी मुद्दों का एक समामेलन है. हमारे लोग लोकतंत्र से वंचित हैं.
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लोकतांत्रिक संस्थान को बहाल किया जाना चाहिए
पीएम की सर्वदलीय बैठक में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि पीएम को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के कारण हुए दर्द को कम करने का रास्ता खोजना चाहिए. जम्मू-कश्मीर का राज्य बहाल किया जाना चाहिए, लोकतांत्रिक संस्थान को बहाल किया जाना चाहिए और चुनाव होना चाहिए. जम्मू-कश्मीर के एक प्रतिनिधि के रूप में, यह हमारा दृढ़ विश्वास है कि हमारे मुद्दों को नई दिल्ली द्वारा हल किया जाएगा, न कि इस्लामाबाद, वाशिंगटन या लंदन द्वारा...