जम्मू कश्मीर के निलंबित पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह के आवास पर मंगलवार को चौथे दिन भी तलाशी अभियान जारी रहा. हिज्बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादियों को ले जाने के लिए सिंह को गिरफ्तार किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि सिंह के इंदिरानगर स्थित आवास और उसी इलाके में अधिकारी के एक निर्माणाधीन मकान की भी तलाशी ली गई. एक अधिकारी ने बताया, ‘तलाशी अभियान के दौरान कुछ दस्तावेज बरामद किये गये है.’
लेकिन उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी. अधिकारियों ने बताया कि सिंह एक रिश्तेदार के घर रह रहा था जहां उसने दोनों आतंकवादियों को कथित तौर पर रातभर रखा था. पुलिस ने सिंह को शनिवार को कुलगाम के मीर बाजार क्षेत्र से हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों नावीद बाबा और अल्ताफ के साथ पकड़ा था. आतंकवादी संगठन के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने वाले एक वकील को भी गिरफ्तार किया गया था. पुलिस अधिकारी से विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के जवान पूछताछ कर रहे है. सिंह श्रीनगर हवाई अड्डे पर अपहरण रोधी दस्ते में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात थे.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के निलंबित उपाधीक्षक देविंदर सिंह हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी नावीद बाबू को पिछले वर्ष जम्मू ले गया था और उसके आराम तथा स्वास्थ्य लाभ के बाद शोपियां लौटने में भी उसकी मदद की थी. उससे पूछताछ करने वाले अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पूछताछ करने वाले एक अधिकारी ने सिंह के हवाले से बताया, ‘मेरी मति मारी गई थी.’
एक बड़े आतंकवादी को पकड़ने की कहानी के माध्यम से जब वह जांचकर्ताओं को संतुष्ट नहीं कर पाया तब उसने यह बात कही. सिंह को शनिवार को नावीद बाबू उर्फ बाबर आजम और उसके सहयोगी आसिफ अहमद के साथ पकड़ा गया था. आजम दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के नाजनीनपुरा का रहने वाला है. अधिकारियों ने बताया कि उपाधीक्षक ने दोनों को चंडीगढ़ में कुछ महीने तक आवास मुहैया कराने के लिए कथित तौर पर 12 लाख रुपये लिए थे.
Source : Bhasha