जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया. उन्होंने अपने दौरे के बाद जम्मू में कश्मीर और कश्मीर के लोगों को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि कश्मीर और कश्मीरियों में भारी मात्रा में निराशा और संकट है. यही स्थिति जम्मू में भी है. सत्ताधारी पार्टी के 100-200 लोगों को छोड़कर कोई खुश नहीं है. जम्मू-कश्मीर दोनों की स्थिति अच्छी नहीं है. हालात बेहद खराब हैं.
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उन्होंने कहा कि प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा. लोकतंत्र नाम की स्टेट में कोई चीज नहीं है. इससे पहले मोदी सरकार (Modi Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि संविधान के अनुच्छेद-370 (Article 370) को निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and kashmir) में एक भी गोली नहीं चली और न ही किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है. जम्मू एवं कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को 5 अगस्त को रद्द कर दिया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के साथ ही जम्मू एवं कश्मीर सरकार से कहा था कि वह राज्य में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करे. इसके बाद केंद्र ने अदालत के सामने यह बात रखी. केंद्र की ओर से महान्यायवादी केके वेणुगोपाल व महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि जीवन या संपत्ति के किसी भी नुकसान को रोकने के लिए राष्ट्रहित में सर्वोत्तम संभव कदम उठाए गए हैं. इस दौरान उन्होंने एहतियात के तौर पर लगाए गए प्रतिबंधों को भी जायज ठहराया.