महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन पर जम्मू कश्मीर में किया गया छुट्टी का एलान कई राजनीतिक दलों के गले नहीं उतर है. जिसके बाद नेशनल कांफ्रेंस के बड़े नेता जावेद राणा ने छुट्टी को लेकर सवाल खड़े कर दिए है. जावेद राणा ने सरकार से कहा है की अगर वो महाराजा को लेकर छुट्टी का एलान कर सकती है तो उनके द्वारा लिए गए फैसलों को क्यों वापिस नही ले लेती. राणा का ये बयान तब सामने आया है जब उनकी पार्टी के बड़े नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है की 370 के मामले में वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे .
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वहीं जावेद राणा की बात करें तो वो समय समय पर लगातार विवादित टिपाणिया करते रहते है. इस बार उन्होंने से विवादित टिप्पणी मेंढर में एक सभा के दौरान की है. जम्मू कश्मीर के गवर्नर मनोज सिन्हा पर सवाल उठाते हुए जावेद राणा ने कहा की महाराजा साहब कोई राजनीतिक आदमी नही थे वो खुदमुख्तियार राजा थे. कोई जनता के चुने हुए राजनीतिज्ञ नही थे और दूसरी तरफ से रियासत के चुने हुए लीडर शेख अब्दुल्ला थे जिन्हे नेहरू से लेकर गांधी तक शेर ए कश्मीर कहते थे . उनके जन्मदिन की छुट्टी काट दी गई. वहीं महाराजा के नाम पर छुट्टी दे रहे है जो लोगो के चुने हुए नुमाइंदे ही नही थे. अगर उन्होंने महाराजा को लेकर छुट्टी दी भी है तो वो इंस्ट्रूमेन ऑफ एक्सेक्शन भी बहल करे. जिन शर्तो पर उन्होंने समझोता किया था. महाराजा ने कभी नही कहा था की इस रियासत को तोड़े और उसे UT बनाए. महाराजा हरि सिंह ने ही 370 लाया था और 35 A लाया था. तो इसे भी बहल करना चाहिए.
जावेद राणा के ये विवादित बोल उस समय सामने आए है जब राजपूत संगठनों के साथ दूसरे संगठनों और ज्यादातर जम्मू के राजनीतिक संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार 23 सितंबर छुट्टी देने जा रही है. और फिलहाल जम्मू में हर जगह जश्न मनाए जा रहे है. खास तौर पर 23 सितंबर की छुट्टी दिए जाने को लेकर जम्मू में कई कार्यक्रम होने वाले है.