जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले का हाल उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह हो गया है. यहां के चार परिवारों को घरों में दरारें आने के कारण घर से पलायन करना पड़ा. बताया जा रहा है कि राजमार्ग विस्तार कार्य के दौरान उनके घरों में इस तरह की दरारें देखने को मिलीं. इसके बाद परिवारों को एक स्कूल की इमारत में स्थानांतरित किया गया. वहीं, डोडा के 19 परिवारों को भी शिफ्ट किया गया है. ऐसा बताया जा रहा है कि घरों में से दरारें तब सामने आई, जब राजगार्ग पर कार्य के समय क्षेत्र की कटाई की गई. कटाई की वजह से पहाड़ खिसकने लगा और बारिश के कारण स्थिति बिगड़ गई. स्थानीय निवासियों ने निर्माण कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इसकी वजह से 20 से 25 मकान असुरक्षित हो चुके हैं.
उपराज्यपाल ने दिया मदद का आश्वासन
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शनिवार को एक बयान में कहा कि प्रशासन करीब से नजर बनाए हुए है. प्रभावित परिवारों को हर तरह की सहायता दी जाएगी. सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी प्रभावित घरों को खाली करा लिया गया है. किसी को और बहुत ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है. प्रशासन पूरे मामले में कड़ी नजर बनाए रखा है. जनता के लिए हरसंभव कदम उठाएं जाएंगे.
नई बस्ती गांव ज्यादा प्रभावित
आपको बता दें कि नई बस्ती गांव के कुछ दिन पहले घरों में दरारें आने की शिकायत आरंभ हो गई. बाद में गुरुवार को भूस्खलन से स्थिति और बिगड़ने लगी. इससे प्रभावित घरों की संख्या 21 तक पहुंच गई. यहां पर दरारें आने के बाद 3 घर अचानक ढह गए. वहीं 18 अन्य घर असुरक्षित पाए गए. इसके कारण गांव के अधिकतर घरों को खाली करा लिया गया. लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है.
डोडा जिले के एक गांव का निरीक्षण किया
इस बीच शनिवार को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की एक टीम ने जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के एक गांव का निरीक्षण किया. डोडा के उपायुक्त विशेष पॉल महाजन का कहना है कि जीएसआई के विशेषज्ञों ने थाथरी तहसील में प्रभावित नई बस्ती गांव का दौरा किया. यहां पर 19 रिहायशी घरों के सदस्यों को दरार के कारण स्कूल में शरण लेनी पड़ी. जीएसआई शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट जारी करने वाला है.
HIGHLIGHTS
- चार परिवारों को घरों में दरारें आने के कारण पलायन करना पड़ा
- डोडा के 19 परिवारों को भी शिफ्ट किया गया है
- उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरसंभव मदद का दिया आश्वासन