आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में एक बार फिर बड़ा बदलाव हुआ है. केंद्र शासित प्रदेश के लिए गठित तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग (delimitation commission) ने बृहस्पतिवार को प्रदेश में विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण से संबंधित अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये. आयोग ने आदेश पर हस्ताक्षर तब किए जब उसका कार्यकाल एक दिन बाद ही खत्म होने वाला है. जल्द ही इस आदेश की एक कॉपी और रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की जाएगी. इस कॉपी में जम्मू-कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या और उनके आकार का पूरा ब्यौरा शामिल होगा. जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों में भी परिसीमन आयोग ने फेरबदल किया है। अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें होंगी.
पहले जम्मू संभाग में उधमपुर डोडा, जम्मू तथा कश्मीर में बारामुला, अनंतनाग व श्रीनगर की सीटें थीं। नई व्यवस्था के तहत अनंतनाग सीट को अब अनंतनाग-राजोरी पुंछ के नाम से जाना जाएगा यानी जम्मू सीट से दो जिले राजोरी व पुंछ निकालकर अनंतनाग में शामिल कर किए गए। हर लोकसभा सीट में 18 विधानसभा सीटें होंगी। उधमपुर सीट से रियासी जिले को निकालकर जम्मू में जोड़ा गया। 7 सीटें बढ़ीं, इनमें 6 जम्मू व 1 कश्मीर में। विधानसभा में सदस्यों की संख्या 83 से बढ़कर 90 की गई। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले विधानसभा में सीटों की संख्या 87 थी। जिसमें चार सीटें लद्दाख की थीं। लद्दाख के अलग होने से 83 सीटें रह गईं। जो बढ़ने के बाद 90 हो जाएंगी। परिसीमन आयोग ने सात सीटों में एक सीट कश्मीर और छह सीटें जम्मू संभाग में बढ़ाई हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव अक्तूबर तक हो सकते हैं।
- कुल सीटें: 90
- कश्मीर संभाग : 47
- जम्मू संभाग: 43
- अनुसूचित जाति: 07
- अनुसूचित जनजाति : 09
- हर लोकसभा में 18 विधानसभा क्षेत्र
HIGHLIGHTS
- आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर बड़ा बदलाव
- प्रदेश में विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण से संबंधित अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर
- अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें होंगी
Source : MOHIT RAJ DUBEY