कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग

कश्मीरी पंडितों ने हाल ही में घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर हुए आतंकी हमलों के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.

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Pradeep Singh
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जंतर-मंतर पर प्रदर्शन ( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

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कश्मीर में हाल ही में हुए दो शिक्षकों की हत्या का मामला गरमाता जा रहा है. कश्मीर घाटी में शुरू हुए विरोध-प्रदर्शनों की आंच दिल्ली तक पहुंच गयी है. कश्मीरी पंडितों ने हाल ही में घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर हुए आतंकी हमलों के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. एक प्रदर्शनकारी का कहना है, "कश्मीर में पंडितों का नरसंहार 1990 के बाद से नहीं रुका है. पंडितों के लिए एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाना चाहिए."शनिवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की. बैठक में जम्मू-कश्मीर में टारगेटेड किलिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने, कानून-व्यवस्था की स्थिति और कश्मीर घाटी में आतंकवादी हमलों की रोकथाम कैसे हो, इसकी विस्तृत समीक्षा की गयी. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और जम्मू कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारी शामिल थे.  

पिछले पांच दिनों में आतंकवादियों ने कम से कम सात नागरिकों की हत्या कर दी है. शुक्रवार को भी श्रीनगर में छुपे आतंकवादियों के एक ग्रुप ने पुलिस टीम को निशाना बनाया था. पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध  फायरिंग की थी, इसके बाद जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाला और जवाबी फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें एक आतंकी मारा गया जबकि दूसरा दहशतगर्द मौके से फरार हो गया है. 

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आसान ठिकानों पर हमले करने के लिए आतंकवादियों की नयी साजिश और सुरक्षा कड़ी करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई. शाह ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि हत्याओं में शामिल लोगों की गिरफ्तारी हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.  

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श्रीनगर में बृहस्पतिवार को एक सरकारी स्कूल के भीतर एक महिला प्रधानाध्यापिका और एक शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. पिछले पांच दिनों में मारे गए सात लोगों में से चार अल्पसंख्यक समुदायों के थे और छह मौतें श्रीनगर में हुईं.

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अधिकारियों ने कहा कि ऐसे सभी मामलों में आतंकवादी पिस्तौल का इस्तेमाल करते हैं, जिसे वे आसानी से ले जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर कृत्य नए भर्ती किए गए आतंकवादियों या आतंकवादी संगठनों में शामिल होने को तैयार लोगों द्वारा किए गए हैं.

Source : News Nation Bureau

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