पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त मिलने के बाद कांग्रेस का संकट कम नहीं हो रहा है. जी-23 के नेता पार्टी हाईकमान पर निशाना साध रहे हैं. इस बीच कांग्रेस को एक औऱ तगड़ा झटका लगा है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भेजे त्यागपत्र में उन्होंने लिखा है कि, " मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. मेरा विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं को समझने में नाकाम है." उन्होंने ट्वीट किया कि "जम्मू-कश्मीर के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी स्थिति जो राष्ट्रीय हितों को दर्शाती है, कांग्रेस के साथ मेल नहीं है. पार्टी जमीनी हकीकत से अलग है."
विक्रमादित्य सिंह ने ट्वीट किया कि, "कांग्रेस में शामिल होने के बाद, मैंने कई मुद्दों के समर्थन में विचार व्यक्त किए, जो कांग्रेस के रुख से मेल नहीं खाते. इनमें बालाकोट हवाई हमले, धारा 370-35A का निरसन, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का गठन, गुप्कर गठबंधन की निंदा और परिसीमन प्रक्रिया का समर्थन शामिल हैं."
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह के छोटे पुत्र अजातशत्रु सिंह सात साल पहले ही भाजपा में शामिल हो गए थे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया था. अजातशत्रु नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य और विधान पार्षद (एमएलसी) रहे हैं. वह फारूख अब्दुल्ला सरकार में मंत्री भी रहे. विक्रमादित्य सिंह भी मुफ्ती मुहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से जुड़े रहे.