गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने शुक्रवार को कहा कि नेशनल कांफ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को हजरत बल दरगाह जाने के लिए घर से नहीं निकलने देना, जम्मू-कश्मीर के लोगों के मौलिक अधिकारियों पर कुठाघात की नई पराकाष्ठा है. पीएजीडी के प्रवक्ता सजाद लोन ने एक बयान में अब्दुल्ला के घर के सामने अवरोधक लगाने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन की निंदा की और उन्हें हटाने की मांग की.
उल्लेखनीय है कि अब्दुल्ला हाल में गठित पीएजीडी के भी अध्यक्ष हैं. पीएजीडी में जम्मू-कश्मीर की मुख्य धारा की सात पार्टियां शामिल हैं, जो पिछले साल पांच अगस्त से पहले के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल कराना चाहती हैं. इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस ने ट्वीट कर दावा किया कि प्रशासन ने अब्दुल्ला के आवास के बाहर अवरोधक लगा दिए हैं और मिलाद-उन-नबी के मौके पर उन्हें हजरतबल दरगाह जाने से रोका गया है.
लोन ने कहा कि अब्दुल्ला ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर हुए धार्मिक जमावड़े में शामिल होने के लिए हजरत बल दरगाह जाने वाले थे, लेकिन उन्हें घर से निकलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि हम राज्य प्रशासन के इस कदम की निंदा करते हैं जो डॉ. फारूक अब्दुल्ला के धार्मिक अधिकार का घोर उल्लंघन है. यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात की नई पराकाष्ठा है. हम अवरोधकों को हटाने की मांग करते हैं ताकि डॉ.फारूक अब्दुल्ला साहब अपने धार्मिक कर्तव्यों का निवर्हन कर सकें.
पीएजीडी ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में बृहस्पतिवार को आतंकवादियों द्वारा भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या की भी निंदा की. लोन ने कहा कि राजनीतिक मतभेद की वजह से हिंसा को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है. हिंसा हमेशा से शुचिता को खत्म करता है. हम सभी तरह की आक्रामकता के खिलाफ लड़ेंगे चाहे उसका स्रोत कोई भी हो. उल्लेखनीय है कि कुलगाम के वाई के पोरा इलाके में आतंकवादियों ने तीन भाजपा कार्यकर्ताओं- फिदा हुसैन, उमर हजाम और उमर राशिद बेग- की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
Source : Bhasha