जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया. पीडीपी के वरिष्ठ नेता हसीब द्राबू ने 3 साल पहले राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर सरकार बनाने में मुख्य भूमिका निभाई थी. द्राबू ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में कहा कि वह कुछ समय के लिए पार्टी से खुद को अलग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'जो भी है ठीक है, मेरे लिए अब विदा लेने का समय आ गया.' उन्होंने कहा कि वह कुछ समय पहले से ही पार्टी के कामों से खुद को अलग कर चुके हैं.
द्राबू ने अपने इस्तीफा पत्र में कहा कि राज्य के विधानसभा भंग होने के साथ ही उनका विधायी दायित्व समय से पहले ही खत्म हो गया. द्राबू एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं और वह जम्मू-कश्मीर बैंक में अध्यक्ष के पद पर सेवा दे चुके हैं.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से और जिस समय में विधानसभा भंग की गई, वह उससे सहमत नहीं है. यह न तो लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करता है और न ही उन्हें कोई गौरव प्रदान करता है, जिन्हें इसकी रक्षा की जिम्मेदारी दी गई.
द्राबू ने यह पत्र अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया. राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा 21 नवंबर को विधानसभा भंग करने के बाद द्राबू दूसरे ऐसे नेता हैं जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया है. इससे पहले इमरान अंसारी ने इस्तीफा दिया था.
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इस साल मार्च में पीडीपी ने अनुशासनहीनता के आरोप में हसीब द्राबू को वित्त मंत्री पद से हटा दिया था. पार्टी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने कश्मीर पर विवादित बयान दिया है. द्राबू ने एक कार्यक्रम में कहा था कि कश्मीर की समस्या एक राजनीतिक नहीं, बल्कि एक सामाजिक मुद्दा है.
Source : News Nation Bureau