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जम्मू में तेजी से बढ़ा आतंकी हमलों का ग्राफ, ISI ने अपनी रणनीति में किया बदलाव

Jammu and Kashmir: पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिये विदेशी आतंकियों की घुसपैठ करवाने में कामयाब रहा है.

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Mohit Sharma
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Jammu and kashmir

Jammu and kashmir ( Photo Credit : File Pic)

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Jammu and Kashmir: जम्मू और कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में आतंकी घटनाएं तेजी के साथ बढ़ी हैं. खासकर जम्मू संभाग में आतंकी घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है.  इससे ये साफ़ लगता है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. अब पाकिस्तान जम्मू को आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनाने में लगा है. इसके लिए पाकिस्तान ने विदेशी आतंकियों की टीम तैयार की है जो जम्मू के अलग-अलग हिस्सों में घुसने में कामयाब रही है.

1. पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिये विदेशी आतंकियों की घुसपैठ करवाने में कामयाब रहा है. 50 से ज्यादा विदेशी आतंकियों का नेटवर्क इस समय कठुआ, उधमपुर, रियासी और डोडा में काम कर रहा है. घुसपैठ के बाद ये सभी आतंकी छोटे-छोटे समूहों में कठुआ, डोडा, उधमपुर और रियासी इलाकों में आने में कामयाब रहे हैं.

2. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने इस नई रणनीति के तहत PoK में तीन दशक पहले गए आतंकियों का इस्तेमाल कर रहा है. ये आतंकी यहां कई लोगों को जानते हैं और OGW का नेटवर्क भी तैयार करते हैं. बताया जा रहा है कि इन विदेशी आतंकियों के साथ PoK से वापस लौटे स्थानीय आतंकी भी हैं जो जम्मू के अलग-अलग इलाकों की भौगोलिक स्थिति को जानते हैं. माना जा रहा है कि इन विदेशी आतंकियों को डोडा, उधमपुर, रियासी और कठुआ की ऊँची पहाड़ियों तक पहुँचाने का काम इन्हीं आतंकियों ने किया है.

3. सेना और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान से आए ये आतंकी जंगल वॉरफेयर में एक्सपर्ट हैं. इनमें कुछ पाकिस्तान सेना के पूर्व आतंकी भी हैं. इन आतंकियों को एंबुश करने और नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई है. राजौरी, पुंछ, रियासी, कठुआ में इन आतंकियों ने एक ही पैटर्न में जंगल से निकल कर सेना के जवानों पर घात लगाकर हमला किया है. ये आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं और इनके पास M4 गन भी है जो अमेरिका अफगानिस्तान में छोड़ कर गया था. खास बात ये है कि ये आतंकी ज्यादा लोगों के संपर्क में नहीं आते ताकि इनकी खबर सुरक्षा एजेंसियों तक न पहुँच पाए.

4. जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान जम्मू में एक खास मकसद से आतंक को बढ़ावा दे रहा है. दरअसल 2019 में धारा 370 जाने के बाद से पाकिस्तान कश्मीर में ज्यादा कुछ नहीं कर पाया है जिसका कारण कश्मीर में सुरक्षा बलों का मजबूत नेटवर्क है. इसे देखते हुए पाकिस्तान ने जम्मू का रुख किया है जहाँ की टोपोग्राफी बिल्कुल अलग है. यहाँ ऊँचे-ऊँचे पहाड़, जंगल, नदियाँ और प्राकृतिक गुफाएँ हैं जहाँ आतंकियों के लिए सेफ हेवन की तरह माना जा रहा है. पाकिस्तान ने जम्मू के लगभग हर जिले में आतंकियों के समूह को डाइवर्ट करके हमले करवाए हैं ताकि दुनिया को ये बता सके कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं.

5. इसके साथ ही पाकिस्तान जम्मू में आतंकी हमला करवाने के बाद नए टेरर ग्रुप जैसे कि कश्मीर टाइगर, TRF, PAFF, गजनवी फोर्स के नाम से हमलों की जिम्मेदारी लेता है ताकि ये बता सके कि ये ग्रुप कश्मीर के स्थानीय युवाओं की तरफ से चलाया जा रहा है. लेकिन असल में ये ग्रुप जैश और लश्कर के ही ऑफ शूट हैं.

6. पाकिस्तान भले ही नई रणनीति और मोडस ऑपेरेंडी के तहत काम कर रहा हो, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को भी पाकिस्तान की इन सभी साजिशों की भनक लग चुकी है. एक तरफ सुरक्षा एजेंसियाँ अलग-अलग इलाकों में आए विदेशी आतंकियों की जानकारी जुटाकर उनके खात्मे का प्लान बना चुकी हैं, तो दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकियों के टेरर रूट्स को खोजने का काम जारी है. साफ है कि पाकिस्तान ने इस नई रणनीति के तहत जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने का प्लान बनाया है लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी पाकिस्तान के हर प्लान को निस्ता-नाबूत करने के लिए एजेंसियाँ तैयार हो गई हैं.

Source : News Nation Bureau

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