देश में मोदी है तो मुमकिन है ये बात सत्य होती नजर आ रही है. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकी गुटों में दो फाड़ हो गए हैं. उनमें वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है. इसी क्रम में बुधवार को दो आतंकी संगठनों के बीच झड़प हो गई, जिसमें एक आतंकवादी की मौत हो गई. हालांकि, सुरक्षा बलों को अभी तक आतंकवादी का शव और हथियार बरामद नहीं हुए हैं.
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अनंतनाग के बिजबेहरा में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन (Hizbul mujahideen) और अंसार गजवत उल हिंद (Ansar Ghazwat-ul-Hind) के बीच वर्चस्व को लेकर जोरदार टकराव हो गया. इस झड़प में अंसार का एक सदस्य आदिल मारा गया है. बताया जा रहा है कि दोनों संगठनों के सदस्यों के बीच हथियारों से लड़ाई हुई थी. इस दौरान हिजबुल मुजाहिद्दीन के 5 से 6 सदस्यों और अंसार गजवत उल हिंद के 3 सदस्यों के बीच जमकर फायरिंग चली.
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बता दें कि आतंकवादी आदिल पहले हिजबुल मुजाहिद्दीन (HM) जुड़ा था, लेकिन हाल ही में वह अंसार गजवत उल हिंद (AGH) से जुड़ गया था. वहीं, एक जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी साया मंडरा रहा है. इस बाबत सुरक्षा एजेंसियों ने खुफिया इनपुट मिलने के बाद सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी है. खुफिया इनपुट में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा खासतौर पर प्रशिक्षित 34 पाकिस्तानी आतंकियों समेत 290 आतंकी तैयार बैठे हैं.
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130 लश्कर, 103 हिजबुल और 34 हैं जैश के आतंकी
खुफिया इनपुट में बताया गया है कि इन आतंकियों में 130 लश्कर-ए-तैयबा, 103 हिजबुल मुजाहिदीन और 34 जैश-ए-मोहम्मद के हैं. इनके अलावा आईएसआईएस (जम्मू-कश्मीर) के दो और अल बदर के पांच आतंकी शामिल हैं. बताया गया है कि अल कायदा की भारतीय ईकाई अंसार गजवातुल हिंद के तीन आतंकी भी जाकिर मूसा के मारे जाने का बदला लेने की फिराक में हैं. गौरतलब है कि सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में जाकिर मूसा को ढेर कर दिया था. उसके बाद से ही अंसार गजवातुल हिंद बदला लेने पर उतारू है.
अब तक मारे गए 115 आतंकी
जाहिर है सुरक्षा बलों ने इन खुफिया इनपुट्स के बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर चौकसी कड़ी कर दी है. बताते हैं कि आतंकी इन दिनों हड़बड़ाए हुए हैं. इस साल अब तक 115 आतंकी विभिन्न मुठभेड़ों में ढेर किए जा चुके हैं. मुठभेड़ में मारे गए ज्यादातर आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं. गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने कूटनीतिक प्रयासों के तहत जैश चीफ मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित कराने में सफलता हासिल की है. यही नहीं, इस साल सुरक्षा बलों ने जैश के 36 आतंकियों को ढेर करने में भी सफलता हासिल की है.
सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहता है जैश
सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बलों के आतंकियों के खिलाफ ताजा अभियान से आतंकियों के समक्ष अपने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चौतरफा घिरे होने के बावजूद आईएसआई और पाक सेना ने घाटी में बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों की साजिश रची है. इसमें सुरक्षा बलों पर हमले प्रमुख हैं. इसके साथ ही जैश ने सुरक्षा बलों के अभियानों से बचने के लिए अपना ठिकाना भी जम्मू बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. इनपुट बताते हैं कि जम्मू में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए जैश ने बीजेपी और आरएसएस नेताओं समेत हिंदू और सिख समुदाय के प्रमुख लोगों की हत्या की योजना भी बनाई है.