जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के बदीबाग-पाहू में विस्फोटक उपकरण को खोज निकाला गया. इसे डिफ्यूज कर दिया गया है. भारतीय सेना के बम निरोधक दस्ते ने इसे निष्क्रिय कर दिया. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने इसे खास जगह पर प्लांट किया था. ये एक सड़क किनारे मिला. सेना को जब इसकी सूचना मिली तो तुरंत बम निरोधक दस्ते को भेजा गया. उन्होंने इस बम को डिफ्यूज कर दिया है. इससे एक बड़ा आतंकी हमला टल गया. आपको बता दें कि करीब चार साल पहले 14 फरवरी 2019 को यहां पर घातक आतंकी हमला हुआ था.
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यह हमला दोपहर के करीब 3 बजे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक आतंकवादी ने श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CPRF) के काफिले पर विस्फोटक वाले वाहन से टक्कर मार दी थी.
सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था
पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था. इस हमले में करीब 40 जवान शहीद हो गए थे. CRPF के काफिले में 78 बसें थीं. इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा तनाव देखने को मिला. इस काफिल में सीआरपीएफ के करीब 2500 जवान थे. ये जम्मू से श्रीनगर की यात्रा कर रहे थे. भारत ने मात्र 12 दिनों के अंदर इस 'नापाक' हरकत का बदला लिया था. भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकियों को मार गिराया था.
सेना ने अभियान चलाकर सभी को मौत के घाट उतार दिया
आतंकी हमले के बाद जवानों को करीब के आर्मी अस्पताल में एडमिट कराया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में जवान शहीद हो गए. इस घटना को अंजाम देने वाले हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था. इसके अलावा, हमले में सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान जैसे आतंकियों के नाम सामने आए थे. इसके बाद सेना ने अभियान चलाकर सभी को मौत के घाट उतार दिया. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की. उसने साढ़े 13 हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. भारत की इस कार्रवाई का संयुक्त राष्ट्र और दुनियाभर के कई देशों ने समर्थन किया था.
Source : News Nation Bureau