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कश्मीर में बढ़ी सेना की मुश्किलें, स्थानीय स्तर पर तेज हुई आतंकियों की भर्ती 

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद राज्य को लगातार विकास के लिए बड़े-बड़े पैकेज दिए जा रहे हैं. इसके बावजूद घाटी में आतंकवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल, यहां स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर आतंकियों की भर्ती का सिलसिला जारी है.

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Iftekhar Ahmed
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कश्मीर में बढ़ी सेना की मुश्किलें, स्थानीयआतंकियों की भर्ती बढ़ी( Photo Credit : File Photo)

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जम्मू-कश्मीर (Jamu and kashmir) से धारा 370 हटाने के बाद राज्य को लगातार विकास के लिए बड़े-बड़े पैकेज दिए जा रहे हैं. इसके बावजूद घाटी में आतंकवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल, यहां स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर आतंकियों की भर्ती का सिलसिला जारी है. सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि एंकाउंटर में लगातार आतंकियों के मारे जाने की घटनाओं के बाीद भी आम लोगों के साथ घुलमिलकर हमला करने वाले हाइब्रिड आतंकियों की संख्या भी बढ़ रही है. लश्कर के प्रॉक्सी टीआरएफ लगातार कश्मीरी पंडितों और गैर कश्मीरियों पर हमले की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. आतंकियों की ये बदली हुई रणनीति ने सेना की चिंता बढ़ा दी है. 

लश्कर का प्रॉक्सी टीआरएफ बना सिरदर्द
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि एक तरफ पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई अपने हथकंडों से कश्मीरी युवाओं का ब्रेन वॉश कर रहा है. वहीं, लश्कर के प्रॉक्सी टीआरएफ के जरिए स्थानीय स्तर पर युवाओं को आतंकी गुटों में भर्ती करने का घिनौना खेल चल रहा है.  इस नापाक नेक्सस को तोड़ने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकियों की साजिश को नाकाम करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों (Indian Security Agencies)को विशेष कार्रवाई करने को कहा गया है. इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि कश्मीर घाटी में आतंकियों से जुड़े खुफिया इनपुट को और मजबूत किया जाए और उनकी पहचान कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए. 

 हाइब्रिड आतंकियों ने बढ़ाई चिंता
एजेंसियों के सामने चुनौती यह है कि स्थानीय स्तर पर आतंकियों की भर्ती नहीं रुक रही हैं. इसके साथ ही कसमीर घाटी में आम लोगों के साथ घुलमिलकर हमला करने वाले हाइब्रिड आतंकियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

400 अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां होगी तैनात
ताजा हालात से निपटने और राज्य में पनप रहे आतंकवाद को कुचलने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत सुरक्षा बलों की संख्या आने वाले दिनों में बढ़ाते हुए अर्द्धसैनिक बलों की 400 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के सभी एसएचओ को खास निर्देश दिया गया है कि वे कश्मीरी पंडितों, माइग्रेंट लेबर और गैर स्थानीय लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें.

अमरनाथ यात्रा विफल करने की है आतंकियों की साजिश
सूख्या सूत्रों के मुताबिक अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान ड्रोन्स के जरिए बड़े पैमाने पर जम्मू कश्मीर में हथियारों को भेजने में लगा है. लिहाजा, अमरनाथ यात्रा के दौरान पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिए मैगनेट बम और विस्फोटकों को भारतीय सीमा में भेजने की पाकिस्तानी साजिश के मद्देनजर ऐसे किसी भी कोशिश को नाकाम बनाने के लिए सीमा सुरक्षा बल और सेना को खास निर्देश दिया गया है. सेना से एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से होने वाली हर हरकत पर नजर रखने के लिए कहा गया है.

HIGHLIGHTS

  • पाक एजेंसी ISI कश्मीरी युवाओं का कर रहा ब्रेन वॉश
  • लगातार एनकाउंटर के बाद भी युवा उठा रहे हैं हथियार 
  • कश्मीरी पंडितों व गैर कश्मीरियों पर किए जा रहे हैं हमले 

Source : News Nation Bureau

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