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DSP दविंदर सिंह को भारत सरकार ने नहीं दिया था कोई पदक, केवल एक पदक

भारतीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को स्‍पष्‍ट किया कि डिप्टी एसपी दविंदर सिंह को एमएचए द्वारा किसी वीरता या मेधावी पदक से सम्मानित नहीं किया गया है, जैसा कि मीडिया में खबरें आ रही हैं.

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Sunil Mishra
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DSP दविंदर सिंह को भारत सरकार ने नहीं दिया था कोई पदक, केवल एक पदक

DSP दविंदर सिंह को भारत सरकार ने नहीं दिया था कोई पदक, केवल एक पदक( Photo Credit : File Photo)

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भारतीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को स्‍पष्‍ट किया कि डिप्टी एसपी दविंदर सिंह को एमएचए द्वारा किसी वीरता या मेधावी पदक से सम्मानित नहीं किया गया है, जैसा कि मीडिया में खबरें आ रही हैं. मीडिया में खबरें आ रही थीं कि दविंदर सिंह से वीरता पुरस्‍कार, राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार वापस लिया जा सकता है. जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस का कहना है कि यहां यह स्‍पष्‍ट करना जरूरी है कि उसकी सेवा के दौरान 2018 में स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर राज्य ने केवल वीरता पदक से सम्मानित किया था. डिप्टी एसपी दविंदर सिंह को पहले 25-26 अगस्त 2017 को जिला पुलिस लाइंस पुलवामा में आतंकवादियों द्वारा एक फिदायीन हमले का सामना करने में उनकी भागीदारी के लिए वीरता पदक दिया गया था. तब वह वहीं तैनात था.

इससे पहले खबर आई थी कि देविंदर सिंह को गिरफ्तार करने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गृह मंत्रालय के अफसरों से मुलाकात की है. मंत्रालय को सारी जानकारी भी दे दी गई है. खुफिया अधिकारी भी शीघ्र ही देविंदर से पूछताछ कर सकते हैं. यह भी कहा जा रहा था कि देविंदर सिंह का मेडल भी छीना जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि 15 अगस्त 2019 को डीसीपी को राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित किया गया था.

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मीडिया में यह भी खबर आई थी कि कार सवार आतंकियों के साथ डीएसपी ने 12 लाख रुपये की डील की थी. बदले में वह उन आतंकियों को सुरक्षित चंडीगढ़ पहुंचाने वाला था. कहा जा रहा है कि इस सौदा को पूरा करने के लिए देविंदर सिंह ने ऑफिस से चार दिनों की छुट्टी भी ली थी.जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कार सवार दो आतंकियों के साथ देविंदर सिंह को दबोचा था. पुलिस के अनुसार, आतंकी पीछे बैठे थे और देविंदर सिंह कार चला रहा था. पकड़े गए आतंकियों में हिजबुल का टॉप कमांडर नवीद बाबू है. दूसरा आतंकी अल्ताफ भी मौजूद था.

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सूत्रों के अनुसार, साल 2004 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु ने दावा किया था कि देविंदर सिंह ने उन्हें मोहम्मद नाम के एक शख्स को दिल्ली में किराए पर घर और कार खरीद कर देने को कहा था. मोहम्मद संसद पर हमले में शामिल था, जबकि अफजल गुरु को साल 2013 में फांसी दे दी गई थी.

Source : News Nation Bureau

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