Jammu-Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों पर विस्तृत चर्चा की गई. समिति के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने बताया कि बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई कि विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा जाए या नहीं. राजनीतिक मामलों की समिति की इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से जुड़े मुद्दों और चुनावी घोषणापत्र में शामिल किए जाने वाले मुद्दों पर विचार-विमर्श करना था.
गठबंधन पर मंथन
आपको बता दें कि तारिक हमीद कर्रा ने बताया कि संसदीय चुनावों में गठबंधन के पक्ष में भावना थी. उन्होंने कहा, ''आज हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या हमें गठबंधन जारी रखना चाहिए और यदि हां, तो किस रूप में. संसदीय चुनावों में जिन्हें जनता ने खारिज कर दिया था, उन्होंने भी हमसे संपर्क किया है. हम सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.'' इससे यह साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी विभिन्न राजनीतिक विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है.
यह भी पढ़ें : बिहार में 65% आरक्षण पर रोक रहेगी जारी, HC का फैसला रहेगा बरकरार
घोषणापत्र समितियों का गठन
वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने घोषणापत्र समितियों का गठन किया है, जिन्हें लोगों के उन मुद्दों की पहचान करने का काम सौंपा गया है, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. इन समितियों का उद्देश्य जनता के असली मुद्दों को पहचानकर उन्हें पार्टी के घोषणापत्र में शामिल करना है, ताकि चुनावी अभियान को और भी मजबूत बनाया जा सके.
आतंकवादी हमलों पर चिंता
जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में वृद्धि पर कर्रा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, ''सरकार और उपराज्यपाल के प्रशासन के बड़े-बड़े दावे धरे के धरे रह गए हैं. जम्मू अब तक आतंकवाद मुक्त था, वहां ये हमले दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय हैं.'' कर्रा ने सरकार को सुझाव दिया कि उसे जम्मू-कश्मीर और वहां के लोगों की सुरक्षा और हालात से निपटने के लिए अपनी नीति पर फिर से विचार करना चाहिए.
विपक्षी दलों की आगामी बैठक
इसके अलावा आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में संभावित विधानसभा चुनावों को लेकर विपक्षी दलों की बैठक 7 अगस्त को होने जा रही है. इस बैठक में सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है. यह बैठक आगामी चुनावों के लिए विपक्षी दलों की रणनीति को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.