जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को कहा कि अगले दो महीनों में राज्य में बसे रोहिंग्या मुसलमानों का बायोमेट्रिक डाटा ले लिया जाएगा. सोमवार को घाटी में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किश्तवाड़ में बीजेपी नेता की हत्या करने वाले आतंकवादियों की पहचान कर ली गई है. जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत चुनाव हो रहे हैं. इस बात से आतंकी परेशान हैं. वहीं सुरक्षाकर्मियों का मनोबल बढ़ा है.
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बता दें कि असम में एक कार्रवाई के तहत रोहिंग्या मुस्लमानों की पहचान करने के लिए राज्य में एनआरसी की प्रस्तावना आई थी. एनआरसी का पहला ड्राफ्ट 1 जनवरी 2018 को जारी किया गया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 1.9 करोड़ लोगों को बतौर भारतीय शामल किया गया था.
वहीं 30 जुलाई को दूसरा और आख़िरी ड्राफ्ट रिलीज किया गया जिसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से बतौर नागिरक कुल 2.89 करोड़ लोगों को शामिल किया गया जबकि 40 लाख़ लोगों को एनआरसी लिस्ट से बाहर रखा गया.
गौरतलब है कि एनआरसी की लिस्ट में वैसे लोगों को शामिल किया गया है जिन्हें सन 1951 में भारतीय नागरिक माना गया था. लिस्ट तैयार करने का प्रमुख मकसद असम में रह रहे गैरप्रवासी भारतीयों की पहचान करना है.
असम के बाद केंद्र सरकार देश के अन्य हिस्सों में इसी तरह से एनआरसी लाने की मांग कर रही है. इस कड़ी में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल का यह बयान अहम साबित हो सकता है.
Source : News Nation Bureau