जम्मू-कश्मीर के पुँछ के भाटा धुरिणा के नखास के जंगलों में आतांकियो के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में 14वे दिन तब नया मोड़ आ गया जब जम्मू-कश्मीर पुलिस जम्मू की कोटबलवाल जेल में बंद लश्कर के आतंकी ज़िया मुस्तफ़ा को लेकर पुँछ के नर खास के जंगल मे पहुँची. पुलिस को इस बात की जानकारी हाथ लगी थी कि ज़िया मुस्तफ़ा के पास जंगल मे हाईड आउट की जानकारी है. पुलिस जब जिया को लेकर जंगल की उस जगह पर पहुंची तो आतंकियो ने फायर शुरू कर दिया, जिसमें हाईड आउट दिखाने पहुंचा ज़िया मौके पर ही आतांकियो द्वारा की गई फायरिंग में मारा गया. साथ ही 2 पुलिस कर्मी और एक सेना का जवान घायल हो गया.
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ज़िया मुस्तफ़ा की बात करे तो लश्कर के साथ काम करने के दौरान 15 साल पहले सुरक्षाबलों ने इसे गिरफ्तार किया था. ज़िया पाकिस्तान के रावलकोट का रहने वाला था. एक ओपेराशन के दौरान वो उसे साउथ कश्मीर से गिरफ्तार किया गया था और पिछले 15 सालों से वो जम्मू की जेल में बंद था. सुरक्षा एजेंसियों की नज़र में जिया तब आया जब कुछ महीने पहले जम्मू की कोटबलवाल जेल में सुरक्षा एजेंसियों की रेड के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को कई फ़ोन और सिम बरामद हुए । उसमें से कुछ सिम और मोबाइल ज़िया से भी बरामद हुए।
जब सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी पाकिस्तान में हुई बातचीत का डेटा निकला तो उसमें वो पाकिस्तान से भारतीय सीमा में दाखिल होने वाले एक आतंकी ग्रुप के लगतार संपर्क में था और आतांकियो को नर खास के उसी रूट की जानकारी दे रहा था जहा आज ओपेराशन चल रहा था. सूत्रों के मुताबिक ज़िया ने भी 15 साल पहले घुसपेठ के लिए इसी रूट का इस्तेमाल किया था. ऐसे में जिया को इस रूट में मौजूद हाईड आउट और गुफाओं की भी जानकारी थी। जिसको लेकर ही पुलिस उसे 10 दिन की रिमांड पर मेंढर लेकर पहुंची थी.
ज़िया की निशान देही पर अब सेना और पुलिस अब उस जंगल के उस इलाके तक तो पहुंच चुकी है, जहाँ आतंकी मौजूद है लेकिन अभी भी सुरक्षा बलों के लिए ये ओरेशन चुनोतियाँ भरा इसलिए है क्योंकि उसी जगह पर सेना के मुताबिक कई और गुफाएं और चटाने मौजूद है. ऐसे में सेना के लिए अभी भी इस जगह को खोजना बड़ा चैलेंज है. पुँछ में नर खास के जंगलों में आतांकियो के खिलाफ चल रहा सेना का ओपेराशन लगातार जारी है. सेना ने पूरे जंगल को घेरा हुआ और लगतार आतांकियो को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन आतंकी भी लगतार जंगल के अंदर सेना के साथ hideout में आंख मिचौली खलने की कोशिश कर रहे है.
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अगर सूत्र की माने तो 15 दिनों से जंगलों में छुपे हुए ये आतंकी दूसरे आतांकियो से अलग है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की SSG कमांडो टीम ने इन आतांकियो को ट्रेनेड किया हुआ है. और हो सकता है कि कोई SSG का कमांडो भी इनके साथ इनकी मदद में लगा हो. दरअसल बॉर्डर पर से इस तरह की खबरे लगतार आती रहती है कि ISI और पाकिस्तानी सेना ने LoC के नज़दीक अपने कई SSG commando को बैठाया हुआ है जो LoC के पास मोजूद ट्रेनिंग कैम्प में बैठे आतांकियो को ट्रेनिंग दे रहे है. इस ट्रेनिंग में जंगल वॉर फेयर हथ्यार चलाने की ट्रेनिंग और दूसरी ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसे में सेना को लग रहा है कि ये आतंकी भी उसी तरह की ट्रेनिंग लेकर आये है.
Source : News Nation Bureau