लोकसभा में शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 पास हो गया है. पिछले दिनों लोकसभा में जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन विधेयक पेश किया गया था. इस विधेयक की जगह अब जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश 2019 लेगा.
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गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल पेश किया. यह अमित शाह का लोकसभा में पहला पेश किया जाने वाला बिल है. इसके बाद विपक्ष ने इसका विरोध किया, लेकिन बाद में इसे ध्वनि मत से पास कर दिया. हालांकि, इस बिल को राज्यसभा से पास कराना सरकार के लिए टेढ़ी खीर है.
वहीं, लोकसभा ने 3 जुलाई 2019 से आगे 6 महीने के लिए जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन का विस्तार करने के लिए वैधानिक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
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इस विधेयक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले लोगों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वालों की तरह ही लाभ मिलेगा. अभी तक आईबी के पास रहने वालों को जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 व नियम 2005 से बाहर रखा गया था. विधेयक को पेश करने के कारणों को बताते हुए सरकार ने एक बयान में कहा था कि सीमा पर लगातार तनाव के कारण अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले व्यक्तियों को सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का सामना करना पड़ता है.