जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त हुए लगभग चार महीने हो चुके हैं. प्रशासन का दावा है कि इसके बाद घाटी में हालात काफी हद तक सामान्य हो गए हैं. लेकिन अभी भी ऐसे कुछ लोग है जिन्हें इसकी वजह से परेशानी उठानी पड़ रही है. दरअसल उत्तराखंड में जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट एसोससिएशन के प्रवक्ता नासिर खुम्मी का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि धारा 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर घाटी में पूरी तरह से बंद हो गया था, इसलिए कुछ छात्र घर पर अटक गए थे और समय पर अपने कॉलेजों में रिपोर्ट नहीं कर सके. इसके बाद कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने कश्मीरी छात्रों पर देर से कॉलेज आने का जुर्माना लगाया.
नासिर खुम्मी का कहना है कि उन्हें दंडित करना उचित नहीं है. यह उत्पीड़न है. हम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से ऐसे कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं जो छात्रों का उत्पीड़न कर रहे हैं और अनावश्यक जुर्माना वसूल रहे हैं.
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Nasir Khuehami, spokesperson of Jammu & Kashmir Students Association in Uttarakhand: After the abrogation of Article 370 there was total clamp down in the Kashmir Valley so some students were stuck at home & couldn't report at their colleges on time. #Uttarakhand pic.twitter.com/ZXv4VVolg2
— ANI (@ANI) December 1, 2019
Nasir Khuehami: Thereafter colleges&universities imposed late fine on Kashmiri students. Penalising them is not justified.This is harassment. We request Uttarakhand Chief Minister to take action against such colleges who are harassing students&charging unnecessary fine. https://t.co/dvyQYPeHQp
— ANI (@ANI) December 1, 2019
बता दें, ये खबर ऐसे समय में सामने आई है जब हाल ही में घाटी में फिर सुरक्षा बढ़ाने की खबर आई थी. अधिकारियों ने बताया था कि कुछ बाजार सहित संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. उन्होंने बताया कि नागरिकों में सुरक्षा की भावना लाने और कारोबार सुगमता से चलता रहे यह सुनिश्चित करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं. अनंतनाग और हजरतबल क्षेत्र में दो धमाकों में दो लोगों के मारे जाने और अनेक लोगों के घायल होने के मद्देनजर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
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अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर (Srinagar) सहित घाटी भर में बुधवार सुबह दुकाने खुलीं.अनुच्छेद 370 (Article-370) के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दोपहर में अनेक दुकानकारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं. हालांकि कुछ दुकानें देर तक खुली रहीं. सार्वजनिक परिवहन बुधवार को चले. कश्मीर घाटी में लगभग तीन माह तक प्रदर्शन और पाबंदियों के बाद घाटी में हालात सामान्य हो रहे थे लेकिन दुकानदारों और सार्वजनिक परिवहन संचालकों को धमकी देने वाले पोस्टर नजर आने के बाद पिछले सप्ताह बुधवार से बंद फिर से शुरू हो गए.