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Jammu: रियासी जिले में हुए आतंकी हमले में अहम सुराग सामने आए, जंगलों में मिले गोलियों के खोल

इस आतंकी घटना के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया जा रहा है, घटना में नौ लोगों की मौत हो गई, वहीं 42 अन्य घायल हो गए. 

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Mohit Saxena
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terrorists attack

terrorists attack( Photo Credit : social media)

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जम्मू के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर आतंकियों के हमले को लेकर पुलिस के साथ जांच टीमें तहकीकात में जुटी हुई हैं. आतंकियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने सोमवार को 11 टीमों का गठन किया और  बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया. इस आतंकी घटना में नौ लोगों की मौत हो गई और 42 अन्य घायल    हो गए. इस मामले में जांच एजेंसियों का कहना है कि इसके पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन का हाथ होने का संदेह है. इसके पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया जा रहा है. 

राज्य जांच एजेंसी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी जांच में शामिल हुई है. हमले के स्थान से सबूत एकत्र किए गए हैं. पुलिस ने कुछ स्थानीय निवासियों से पूछताछ की. 53 सीटों वाली बस तीर्थयात्रियों को रियासी के शिव खोरी मंदिर से कटरा ले जा रही थी, तभी रविवार शाम करीब 6.10 बजे रियासी के तरयाथ गांव में आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद बस संतुलन खोकर में लुढ़क गई.

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आतंकवादी पास के जंगलों में छिपे

अधिकारियों का मानना ​​है कि हमले में शामिल आतंकवादी पास के जंगलों में छिपे हो सकते हैं, जिससे हमलावरों का पता लगाने के लिए ड्रोन और क्वाडकॉप्टर की आवश्यकता होगी. “चश्मदीदों और इलाके में मिले पैरों के निशान से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. बस पर इस हमले में संभवतः दो से तीन आतंकवादी शामिल हो सकते हैं. जांच एजेंसियों का क्षेत्र में ऑपरेशन जारी है, ” उधमपुर में पुलिस उप महानिरीक्षक रईस मोहम्मद भट का कहना है “हमने पूछताछ के लिए कई लोगों को बुलाया है. अब तक के विश्लेषण के अनुसार, हमें इसमें लश्कर का हाथ नजर आता है.''

रियासी क्षेत्र दो दशकों से शांतिपूर्ण रहा है

बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में बीते दो वर्षों में ये सबसे भीषण आतंकी हमला है. इससे देश भर में आक्रोश और शोक की लहर है. जम्मू का रियासी क्षेत्र दो दशकों से शांतिपूर्ण रहा है. अधिकारियों का कहना है  कि पुंछ और राजौरी से नियंत्रण रेखा पार करके कश्मीर घाटी तक पहुंचने के लिए आतंकवादियों द्वारा इसे  पारगमन बिंदु के रूप में उपयोग किया जाता है. अधिकारियों का कहना है कि फोरेंसिक टीमें हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों और उनके निर्माण का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं और हमले के स्थान से खाली खोल एकत्र किए हैं. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि रियासी में आतंकवादियों के खिलाफ एक  संयुक्त अभियान शुरू किया गया है और बस हमले के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा. 

Source : News Nation Bureau

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