जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां रणनीति बनाने में जुट गई हैं. ऐसे में भाजपा इस वक्त विरोध का सामना कर रही है. दरअसल, बीते दो दिनों में पार्टी अब तक तीन लिस्ट जारी कर चुकी है, जिसमें से सोमवार को जारी सूची को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बताया जा रहा है कि इस लिस्ट को संशोधन करने के बाद जारी किया गया था, जिसके अंदर कई जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रमुख चेहरों के नाम शामिल नहीं है.
बता दें कि 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 45 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हो चुकी है, बावजूद इसके अब तक डॉक्टर निर्मल सिंह, कविंदर गुप्ता, सत शर्मा, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष रविंदर रैना का नाम सूची में नहीं दिखाई दिया.
कौन हैं निर्मल सिंह
डॉ. निर्मल सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं. वे पूर्व डिप्टी सीएम और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 2014 के चुनावों में बिलावर विधानसभा सीट से निर्मल सिंह को जीत मिली थी.
इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व डिप्टी सीएम, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और जम्मू शहर के पूर्व मेयर कविंदर गुप्ता के नाम का ऐलान भी पार्टी ने अब तक नहीं किया है. कविंदर ने साल 2014 में गांधी नगर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. परिसीमन के बाद अब इस सीट का नाम बाहु हो गया है. कविंदर गुप्ता को अभी भी उम्मीद है कि उन्हें जगह मिल सकती है क्योंकि बाहु सीट के लिए अभी तक किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है.
वहीं जम्मू-कश्मीर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सरकार में मंत्री रहे सत शर्मा को भी पार्टी ने अब तक टिकट नहीं दी है. सत शर्मा 2014 में जम्मू पश्चिम विधानसभा सीट से जीते थे.
रविंदर रैना को भी नहीं मिला मौका
वहीं पार्टी प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना को भी अब तक टिकट नहीं दिया गया है. 2014 में राजौरी जिले की नौशेरा विधानसभा सीट से जीतने वाले रविंदर के नाम पर अब तक मुहर नहीं लगी है. हालांकि नौशेरा के लिए अभी तक उम्मीदवार की घोषणा भी नहीं हुई है. बता दें कि पार्टी चाहती है कि रविंदर रैना नौशेरा से लड़ें. लेकिन रैना किसी और सीट से लड़ना चाहते हैं. पार्टी इस बात पर अड़ी है कि वह नौशेरा से लड़ें. चर्चा ये भी है कि वह चुनाव लड़ने से इनकार कर सकते हैं.