जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर चौतरफा लगाम लगाने के लिए अब सरकार ने प्रदेश में टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप का गठन कर दिया है. इस टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप में अलग-अलग एजेंसी के 20 लोग शामिल होंगे, जो घाटी में संदिग्ध पुलिसकर्मियों और साथ ही दूसरे सरकारी कर्मचारियों के टेरर लिंक पर निगरानी रखेंगे. सरकार की ओर से ये फैसला पिछले कुछ सालों में कुछ सरकारी कर्मचारियों के आतंकी गतिविधियों में नाम सामने आने के बाद लिया गया है.
यह भी पढ़ें : Plane Crash: आसमान में ही टकराए दो लड़ाकू विमान! जानें 5 प्वाइंट में हादसे की पूरी कहानी
जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2019 में देश विरोधी गतिविधियों और आतंकियों के संपर्क में रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अब तक सरकार द्वारा 44 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते नौकरी से बर्खास्त किया कर जा चुका है. सुरक्षा एजेंसियों के पास इस तरह के लागतार इनपुट आते रहते हैं कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन लगातार अपना जाल बिछाने के लिए पुलिसवालों के साथ सरकारी कर्मचारियों को टारगेट करते रहते हैं. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों का गलत इस्तेमाल ना हो इसे लेकर ये टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप अब लागतार कर्मचारियों की गतिविधियों की निगरानी करेगा.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि इस नए ग्रुप की अगुवाई एक एसएसपी रैंक का अधिकारी करेगा, जिसमें दूसरे अधिकारियों के साथ कुल 20 पुलिसकर्मी काम करेंगे. ये ग्रुप सरकारी कर्मचारियों की संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखेगा. इससे पहले भी सरकार ने आतंक की कमर तोड़ने के लिए State Investigation Agency और State Investigation Unit का गठन किया था, जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में जमात ए इस्लामी, हवाला मनी से लेकर टेरर फंडिंग के कई मामले में बड़ी कार्रवाई की है और आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ दी है.
यह भी पढ़ें : Amrit Udyan : अब मुगल गार्डन को मिला नया नाम, 'अमृत उद्यान' से होगी पहचान
उन्होंने आगे कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में कुछ घटनाओं को छोड़ दे तो सरकार आतंक के एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने में कामयाब रही है. ऐसे में ये नई एजेंसी सरकारी नौकरी की आड़ में देश विरोधी काम में लगे लोगों का पूरी तरह से खत्म करने में बड़ी मदद साबित होगी.