जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद अब राज्य धीरे-धीरे अमन बहाली की ओर बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ खबर आ रही है कि अब जो भी कोई मीडिया संस्थान जम्मू-कश्मीर पर आधारहीन रिपोर्टिंग करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि अगर कोई भी मीडिया संस्थान संवेदनशील घाटी को लेकर 'मनगढ़ंत और भड़काऊ' कहानियां पेश करते हैं जिससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बिगड़ती है तो उन्हें कानूनी नोटिस दिए जा सकते है.
क्यों उठाया गया ये कदम?
दरअसल सरकार की तरफ से ये कदम उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद उठाया गया है जिनमें दावा किया गया था कि शुक्रवार को घाटी में जबरदस्त प्रदर्शन किया गया और बाद में हिंसा भी हुई. इसके अलावा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में विदेशी खबरों के हवाले से बताया गया था कि पुलिस ने लोगों पर काबू पाने के लिए पेलेट गन का सहारा लिया था, जिससे श्रीनगर के कई स्थानीय निवासी घायल हो गए. हालांकि, जम्मू और कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा बलों द्वारा ऐसे किसी भी हमले या गोलीबारी से इनकार किया. इससे पहले पाकिस्तानी अखबार डॉन ने तो यहां तक दावा कर दिया था कि जम्मू-कश्मीर में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने इकट्ठे होकर धारा 370 हटाए जाने का विरोध किया.
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के कोने-कोने में फहराएगा तिरंगा, BJP ने मंगवाए 50 हजार झंडे
इस रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया कि रॉयटर्स और डॉन की रिपोर्ट्स में बताया गया है कि श्रीनगर में 10 हजार लोगों ने प्रदर्शन किया. ये खबरें आधारहीन और पूरी तरीके से गलत है. यहां प्रोटेस्ट हुआ था लेकिन इसमें 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हुए थे.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के आतंकी रच रहे 'समुद्री जिहाद' की साजिश, करारा जवाब देने को तैयार नौसेना
दरअसल इस तरह की मनगढ़ंत खबरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई थी जिसके कारणर जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों में अफवाह फैल गई, जहां कुछ समय के लिए संचार आंशिक रूप से बहाल किया गया था. ऐसे में सरकार ने इन हालातों को देखते हुए कहा है कि अगर कोई भी मीडिया आउटलेट आधारहीन और मनगढ़त खबरें रिपोर्ट करेगा तो उसके खिलाफ कानून कार्रवाई होगी.