जम्मू कश्मीर में अब जमानत पर रिहा होने आतंकियों और उनके समर्थको की GPS Tracker Anklets की मदद से ट्रैकिंग होगी. जम्मू कश्मीर इस तरह से अपराधियों की ट्रैकिंग करने वाला देश का पहला राज्य होगा. उधमपुर UAPA के तहत बंद आरोपी के पांव में इस तरह के Anklet डाल कर इसकी शुरुआत की जाएगी. इससे पहले इस तरह के उपकरण का प्रयोग अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों में जमानत, पैरोल के साथ ही नजरबंदी के आरोपों में बंद आरोपी की ट्रैकिंक की जाती है. इस तरह से कैदियों को जमानत देने के बाद भी मॉनिटर्ड किया जा सकता है. कैदियों की रिहाई के बाद इनके भाग निकलने की शिकायत कम हो सकेगी. इसके साथ कैदियों की गतिविधियों का पता लगाया जा सकेगा.
आरोपी की लगातार मॉनिटरिंग हो सकेगी.
जम्मू कश्मीर की State Investigation Agency (SIA) के अनुसार, UAPA में बंद उधमपुर के गुलाम मुहम्मद भट्ट के मामले में जम्मू की NIA अदालत के पांव में GPS Tracker Anklet लगाने की डिमांड रखी गई है. इस तरह से आरोपी की लगातार मॉनिटरिंग हो सकेगी. इसे NIA कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. गुलाम मुहम्मद भट्ट पर आतंकी संगठनों खास तौर पर हिज्बुल मुजाहिद्दीन की सहायता करने के आरोप हैं. इसकी के साथ एक दूसरे मामले में दिल्ली की एनआईए कोर्ट में उसका एक केस चलाया जा रहा है.
अगर GPS Tracker Anklet की बात करें तो ये गोला आकार का होता है. इसे पांव के एंकल में ट्रैकिंग को लेकर लगाया जाता है. इसकी सहायता से लागतार उस कैदी की हरकतों को नोट किया जा सकता है जो जेल से बाहर पैरोल पर हैं. जम्मू कश्मीर में आतंकी कही दोबारा आतंकयों की मदद करें. इसके लिए ट्रैकर प्रणाली का उपयोग किया गया है. सुरक्षा एजेंसियां उन्हीं मामले में इसका उपयोग करने वाली हैं.
Source : News Nation Bureau