जम्मू कश्मीर में एक नए युग की शुरुआत हो गई है, जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. यह उनकी दूसरी पारी है, इससे पहले वे 2009 में कांग्रेस जम्मू कश्मीर गठबंधन में मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 54 वर्षीय उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर की राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाई है.
इंग्लैंड में पैदा हुए उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला का जन्म 10 मार्च, 1970 को रोचफोर्ड, एसेक्स, इंग्लैंड में हुआ. वे एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से संबंधित हैं. उनके दादा, शेख मुहम्मद अब्दुल्ला, जम्मू और कश्मीर के पहले महत्वपूर्ण नेताओं में से थे और "कश्मीर के शेर" के नाम से जाने जाते थे. 1939 में, उन्होंने जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की स्थापना की. उनके पिता, फारूक अब्दुल्ला, भी राज्य के कई बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनकी मां, मोली अब्दुल्ला, ब्रिटिश हैं, जिससे उमर का पालन पोषण एक बहुसांस्कृतिक वातावरण में हुआ.
उमर अब्दुल्ला की शिक्षा
उमर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बर्न हॉल स्कूल, श्रीनगर से प्राप्त की, और फिर लॉरेंस स्कूल, सनावर, हिमाचल प्रदेश में अध्ययन किया. इसके बाद, उन्होंने मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री हासिल की और स्कॉटलैंड के स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय से व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर किया.
राजनीति में कदम
उमर ने 1998 में 12वीं लोकसभा के लिए लाल चौक निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद राजनीति में कदम रखा. वे 1999 में फिर से चुने गए और उन्हें वाजपेयी सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया. 2001 में, उन्हें केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई.
मुख्यमंत्री के रूप में भूमिका
16 अक्टूबर, 2024 को, उमर अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जो अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली निर्वाचित सरकार थी. उनकी नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 90 में से 42 सीटें जीतकर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की. शपथ ग्रहण समारोह में प्रमुख राजनीतिक हस्तियों, जैसे राहुल गांधी, ने भाग लिया.
वर्तमान चुनौतियां और उपलब्धियां
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, उमर को निवारक हिरासत में लिया गया था, लेकिन 2024 के चुनावों में बारामुल्ला से लोकसभा के लिए नामांकित हुए, जहाँ उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में सुधार के लिए कई सामाजिक कार्य किए हैं और जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के संस्थापक भी हैं.
निजी जीवन
उमर की शादी 1994 में पायल नाथ से हुई, लेकिन 2011 में वे अलग हो गए. उनके दो बेटे हैं, ज़हीर और ज़मीर. उमर अब्दुल्ला की यात्रा न केवल पारिवारिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में उनके योगदान को भी दर्शाती है. जम्मू और कश्मीर की राजनीति में उमर अब्दुल्ला का प्रभाव उनके अनुभव, सामाजिक योगदान, और संवाद के प्रति प्रतिबद्धता के माध्यम से स्पष्ट होता है.