जम्मू-कश्मीर पर एतिहासिक फैसला देते हुए मोदी सरकार ने राज्य से अनुच्छेद 370 के प्रवधानों को हटा दिया है. जैसे ही ये फैसला सबके सामने आया वैसे ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष निर्मल सिंह ने अपनी गाड़ी से राज्य का झंडा हटा दिया. ऐसे में निर्मल सिंह पहले ऐसे नेता बन गए हैं जिन्होंने अपने राज्य का झंडा खुद हटाया हो.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्मल सिंह का कहना है कि जब हम सरकार में थे तो हमें विवश, होकर राज्य का झंडा लगाना पड़ता था. लेकिन जैसे ही ये नया फैसला सामने आया, मैंने तुरंत इसे अपनी गाड़ी से हटाने का फैसला किया. उन्होंने इस ऐतिहासिक फैसले का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिया. को दिया और कहा कि ये 70 साल पुराना सपना था जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखा था.
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क्या है झंडे का इतिहास
बता दें, 1956 में जब जम्मू-कश्मीर का नया संविधान लागू हुआ तो इसमें देश से अलग झंडे का भी प्रावधान था. जम्मू-कश्मीर का झंडा लाल रंग का है जिसे कश्मीर में हुए संघर्ष की याद में 1931 में बनाया गया था.
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इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने ब्लॉग में लिखा था कि पीएम मोदी ने अपने साहसिक फैसले की वजह से इतिहास रच दिया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने के लिए साहस की जरूरत थी, जो मोदी और शाह के पास है. जेटली ने कहा कि मोदी सरकार का ये फैसला उन लोगों के लिए भी एक करारा जवाब है जिन्हें लगता था कि बीजेपी के वादे महज नारे होते हैं.