जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से एक अच्छी खबर आई है. आर्टिकल 370 और 35-ए (Article 370 and 35-A Scrapped) के हटने के बाद से जैसे लगता है कि जम्मू कश्मीर राज्य की किस्मत ही बदल गई है. दरअसल, देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) की प्रतिष्ठित एमबीबीएस एम्स परीक्षा (AIIMS MBBS Exam) को जम्मू कश्मीर की रहने वाली इर्हिम शमीम (Irmim Shamim) ने पास कर दिखाया है.
उनकी ये उपलब्धी इसलिए खास बन जाती है क्योंकि वो जम्मू कश्मीर के रजौरी जिले की पहली गुर्जर महिला हैं जिन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है. एक डॉक्टर बनने का ख्वास संजोए इर्हिम शमीम अब अपने ख्वाब को ख्वान नहीं रहने देना चाहती हैं बल्कि पूरा दिल लगाकर वो इसे हकीकत बनाने में लगी हैं.
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इर्हिम शमीम ने इस कारनामे के पीछे काफी कड़ी मेहनत थी जो आज रंग लाई है और उन्हें ये सफलता हुई. अर्हिम शमीम सीमावर्ती जिले के धनोर गांव की रहने वाली हैं. इर्हिम शमीम हर दिन करीब 10 किलोमीटर दूर स्कूल जाना पड़ता था क्योंकि गांव में या गांव के आस-पास कोई अच्छा स्कूल ही नहीं था. पिछड़े समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और आर्थिक संकटों से जुझ रहे शमीम ने अपने रास्ते पर आने वाली सभी चुनौतियों का सामना किया और उनसे जीतते हुई आगे निकल गईं.
इर्हिम शमीम का मानना है कि सभी को अपने जीवन में कुछ समस्या है और आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, इसी सीक्रेट से सफलता हाथ लगती है.
इर्हिम शमीम की इस सफलता से उसका परिवार काफी खुश दिख रहा है साथ ही गांव वालों ने भी उन्हें बधाई दी है. शमीम के चाचा ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि वो अपनी भतीजी की सफलता पर खुश हैं और लड़कियों को पढ़ाई को लेकर बढ़ावा मिलना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर की लड़कियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीवन के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाई है.
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इर्हिम शमीम की इस सफलता पर जिला विकासआयुक्त, एजाज असद ने उनकी उपलब्धि की सराहना की है और भविष्य में पढ़ाई जारी रखने के लिए हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया है.
HIGHLIGHTS
- रजौरी की रहने वली इर्हिम शमीम ने पास की एम्स एमबीबीएस की परीक्षा.
- डॉक्टर बननना चाहती हैं इर्हिम शमीम.
- पढ़ाई के लिए रोज 10 किलो मीटर दूर जाती थीं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो