Jammu Kashmir : जम्मू कश्मीर के राजौरी में स्थित कंडी इलाके में आतंकियों का सेना के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन जारी है, लेकिन इस बीच सुरक्षा एजेंसियों के हाथ एक बड़ी जानकारी लगी है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, राजौरी और पुंछ में एक्टिव ये आतंकी लागतार मूवमेंट करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भनक लगी है कि आतंकी अब जंगलों, पहाड़ों और नदियों में मूवमेंट के लिए अल्पाइन एप का इस्तेमाल कर रहे हैं.
अगर अल्पाइन एप की बात करें तो ये गूगल अर्थ का अपग्रेडेड वर्जन है. ये एक ऐसी एप्लीकेशन है जो साफ तौर पर आतंकियों के लिए राजौरी और पुंछ के इलाकों में मददगार साबित हो सकती है. इस एप का इस्तेमाल अमूमन जंगल स्पोर्ट्स में किया जाता है. इस एप के जरिए किसी भी निर्धारित रूट को पहले से सेव करने का भी विकल्प मौजूद है, जिसकी मदद से किसी भी पहाड़, नदी या फिर जंगल के रास्ते से बाहर निकला जा सकता है. ये एप सुरक्षा एजेंसियों के लिए सरदर्द है, क्योंकि इस ऐप को ऑफलाइन मोड़ में इस्तेमाल किया जा सकता है और हो ना हो सुरक्षा एजेंसियों को ऐसा लगता है कि आतंकी ऑफलाइन मोड़ में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
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सुरक्षा एजेंसी की मानें तो पहले आतंकवादी इन जंगलों का रास्ता तय करने और जंगलों में गुफाओं में रहने के लिए स्थानीय गाइड और OGW का इस्तेमाल करते रहे हैं, जिनकी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच जाती थी और आतंकियों को ट्रैक कर लिया जाता था. लेकिन, अब आतंकी संगठन और उनके पाले आतंकी इस ऑफलाइन ऐप सहारा लेकर छुप रहे हैं. हाल ही में सरकार 14 एप पर बैन भी लगा चुकी है, जिनका इस्तेमाल आतंकी कर रहे थे, लेकिन अब ये नई एप का पता लगने के बाद इसपर सुरक्षा एजेंसियों ने काम शुरू कर दिया है.