Jammu-Kashmir : गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी से पहले जम्मू-कश्मीर में हो रही आतंकी हलचल के बाद सुरक्षाबलों ने घाटी में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी है. भारतीय सेना के जवानों ने अपने सुरक्षा घेरे को मजबूत करते हुए अलग-अलग इलाकों में मौजूद आतंकी मददगारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जम्मू के राजौरी, पुंछ और किश्तवाड़ इलाकों के संवेदनशील गांवों में पुलिस और सेना बड़े सर्च ऑपरेशन चला रही है और बड़े पैमाने पर आतंकी मददगारों की तलाश की जा रही है.
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इस बीच पुंछ के निकटवर्ती गांव भेंछ में देर रात अल्पसंख्यकों हिंदू समुदाय के दो घरों पर पत्थरबाजी का मामला सामने आया है. लोगों के अनुसार, शरारती तत्वों या दूसरी भाषा में कहे तो ओवर ग्राउंट वर्कर (OGW) ने देर रात गांव में पत्थरबाजी कर घरों के शीशे तोड़कर गांव में दहशत फैलाने की कोशिश की है. पुलिस को सूचना मिलते ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और पुलिस स्टेशन पुंछ की पार्टी ने मौके पर पहुंचकर गांव को देर रात ही घेर कर सुरक्षा मुहैया करवाई है, लेकिन ये घटना आतंकी मंसूबों की ओर साफ इशारा कर रही है और पत्थर मरने वालों की तलाश जारी है.
सूत्रों के मुताबिक, राजौरी के डांगरी में हुए हमले के बाद पुलिस ने आतंकियों की मददगार होने के शक पर पूछताछ के लिए आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को उठाया है. पुलिस को शक है कि डांगरी में हुए हमले में कुछ स्थानीय OGW ने आतंकियों की मदद की है, जिसके बाद इन आतंकवादी मददगारों की भी तलाश की जा रही है.
इसके साथ सुरक्षा एजेंसियों के पास पहले से ही इस तरह के इनपुट हैं कि आतंकवादी संगठन लगातार पहले से आतंकी वारदातों में लिप्त रहे लोगों खास तौर पर सरेंडर आतंकियों को दोबारा से रिएक्टिवेट करने की कोशिश कर रहा है. इसे देखते हुए सेना ने किश्तवाड़ आने जाने वाले सभी रूटों को नाके लगाकर सील कर दिया है. सेना आतंकी वारदातों में लिप्त इन लोगों के घरों में तलाशी अभियान भी चला रही है.
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26 जनवरी से पहले हुई आतंकी वारदातों को देखते हुए कठुआ सांबा, जम्मू, किश्तवाड़, राजौरी और पुंछ के संवेदनशील इलाकों में बड़े सर्च ऑपरेशन के साथ-साथ सरप्राइज नाका और रेड भी की जा रही है. आतंकी स्थानीय लोगों को नुकसान न पहुंचा सके, इसको देखते हुए विलेज डिफेंस कमेटी को रिएक्टिवेट करने और ट्रेनिंग देने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.