जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) को हटाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हमें फिलहाल कुछ इलाक़ों से अफ्सपा को हटा कर देखना होगा कि इसका क्या असर होता है।
हथियारबंद लड़ाकों के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही महबूबा ने अफ्सपा हटाने की वकालत करते हुए कहा कि सुशासन लाने के लिए उन्हें शांति की गुंजाइश चाहिए। जिससे कि हथियारबंद लड़ाकों की ओर से कब्जा की गई जगह कम की जा सके।
उन्होंने कहा कि पीडीपी और भाजपा एक एजेंडा ऑफ अलायंस पर साथ आए थे, जिसमें अफ्सपा हटाना भी शामिल था। एक सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, हमें अफ्सपा हटाने से परहेज नहीं करना चाहिए। जब चीजें सुधर रही हैं, तो क्यों नहीं?
उन्होंने कहा, जब हालात खराब होते हैं तो हम ज्यादा सुरक्षा बलों को बुलाने से परहेज नहीं करते.....हम सेना को पहले से ही सक्रिय रहने को कहते हैं, लेकिन जब हालात सुधर रहे हैं तो हमें कुछ इलाकों से अफ्सपा हटाने की शुरूआत करने की जरूरत है और देखना होगा कि इसका क्या असर होता है।
महबूबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए वह सभी पक्षों से बातचीत शुरू करें।
उन्होंने कहा, हमें ऐसी वार्ता की जरूरत है जिसकी शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से की गई थी। मुझे यकीन है कि हमारे मौजूदा प्रधानमंत्री भी जल्द से जल्द कोई ठोस क़दम उठाएंगे। हमारे पास अभी एक साहसिक नेतृत्व है।
Source : News Nation Bureau