जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला के आवास पर श्रीनगर में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन और नए मतदाताओं को जोड़ने की प्रक्रिया पर जम्मू-कश्मीर के सभी दलों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में 'जम्मू-कश्मीर में नए मतदाताओं के पंजीकरण' के बारे में चर्चा की गई. इस बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं. बैठक के शामिल सभी नेताओं ने नए मतदाताओं के स्वागत में हिचक दिखाई, खासकर गैर-कश्मीरियों को लेकर.
गैर-कश्मीरी मताधिकार के खिलाफ सभी दल
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ये बैठक हमने बुलाई थी और बैठक में तय हुआ है कि हम इसके (जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों के लिए मतदान का अधिकार) ख़िलाफ़ हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा करके केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक दिशा-दशा बदलने की कोशिश कर रही है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग यहां के निवासी हैं ही नहीं, उन्हें मतदान का हक क्यों दिया जाए. उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले की मुखालफत की.
कश्मीरी पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश
बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने इस बैठक का आह्वान किया था. बैठक में उन्होंने नए मतदाताओं के अलावा जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल कराने के लिए संघर्ष करने का भी मुद्दा उठाया. फारूक अब्दुल्ला की कोशिश है कि वो सभी कश्मीरी पार्टियों को इन मुद्दों पर एकजुट करें. हालांकि इस बैठक से कई अहम पार्टियां नदारद रहीं. पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन इस बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने कहा है कि वो सरकार के फैसले का विरोध करते हैं. गैर-स्थानीय लोगों को मतदान के अधिकार देने से जम्मू-कश्मीर की डेमोग्राफी बदल जाएगी.
HIGHLIGHTS
- फारूक अब्दुल्ला ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
- जम्मू-कश्मीर में नए मतदाताओं के पंजीकरण पर चर्चा
- सरकार के फैसले के विरोध में कश्मीरी दल