जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा जल शक्ति विभाग में जूनियर इंजीनियर (सिविल) और पुलिस उपनिरीक्षक के पदों के लिए आयोजित परीक्षाओं को रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति वसीम सादिक नर्गल की एकल न्यायाधीश पीठ ने जेकेएसएसबी द्वारा आयोजित कनिष्ठ अभियंताओं और पुलिस उप-निरीक्षकों की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि चूक और आयोग के अपने कृत्यों से जेकेएसएसबी का कामकाज सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने में विश्वास को प्रेरित नहीं करता है.
अदालत ने कहा, बोर्ड के कामकाज की समीक्षा करना सभी हितधारकों के लिए अनिवार्य हो गया है. मेसर्स एप्टेक लिमिटेड को अनुबंध देने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया और निर्णय दुर्भावनापूर्ण है और निविदा की शर्तो में बदलाव का उद्देश्य पक्षपात करना था. अदालत ने कहा, इन फैसलों का जनहित पर प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि प्रतिवादी नंबर 2 (मेसर्स एप्टेक लिमिटेड) को परीक्षा आयोजित करने के लिए नियुक्त किया गया है, जिसमें चयनकर्ताओं को सार्वजनिक पदों पर नियुक्त किया जाएगा.
अदालत ने जूनियर इंजीनियर (सिविल), जल शक्ति विभाग और उप निरीक्षक (गृह विभाग) सहित खररइ द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं के विज्ञापन का जवाब देने वाले कई उम्मीदवारों की याचिका का निस्तारण करते हुए निर्देश पारित किया. याचिकाकर्ताओं ने जेकेएसएसबी को मेसर्स एप्टेक लिमिटेड के माध्यम से परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्देश देने की भी मांग की, जिसे पूर्व में ब्लैक लिस्टेड किया गया था. अदालत ने सरकार को ब्लैक लिस्टेड कंपनी को निविदा आवंटन की पूरी प्रक्रिया की जांच हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कम नहीं करने का निर्देश दिया.
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Source : IANS