जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार को कश्मीर में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. अधिकारियों को घेरा तेज करने के निर्देश दिए. आतंकवादियों को बाहर निकालने और समुदाय आधारित कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने के लिए निर्देश दिए. साथ ही आतंकियों पर नजर रखने के लिए खोज अभियान चलाने का भी निर्देश दिया. आतंकी की एक भी चाल कामयाब ना हो पाए इसके लिए पुलिस अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए.
यह भी पढ़ें- हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में लालू यादव नहीं होंगे शामिल, तेजस्वी यादव ने बताई ये वजह
वहीं मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा को लेकर समीक्षा के बाद कश्मीर से 7,000 से अधिक अर्द्धसैन्य जवानों की तुरंत वापसी का आदेश दिया था. अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 72 कंपनियों को देश भर में अपने स्थानों पर लौटने को कहा गया था. इस तरह की एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं. सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी से ली गई इन टुकड़ियों को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद कश्मीर घाटी भेजा गया था. सोमवार को जारी एक आदेश के मुताबिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 24 कंपनियों, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल की 12-12 कंपनियों को वापस भेजा जा रहा था.
यह भी पढ़ें- NRC को लेकर अधीर रंजन चौधरी का मोदी-शाह पर हमला, बोले- गुमराह के मास्टर हैं ये रामू-श्यामू
इस महीने की शुरुआत में घाटी से ऐसी करीब 20 कंपनियों को वापस भेज दिया गया था. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 72 कंपनियों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि सीआरपीएफ की 24, बीएसएफ की 12, आईटीबीपी की 12, सीआईएसएफ की 12 और एसएसबी की 12 टुकड़ियां जम्मू-कश्मीर से तत्काल प्रभाव से हटेंगी. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के दौरान सरकार ने वहां अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया था.
Source : News Nation Bureau