कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रशासन सोमवार को पाबंदियों में बड़ी ढील देने वाली है. दरअसल आज से घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी. ये सेवाएं सोमवार दोपहर 12 बजे से बहाल होंगी. प्रशासन ने इसकी घोषणा शनिवार को की थी. बताया जा रहा है कि ये सेवाएं शनिवार को ही बहाल की जानी थी लेकिन ऐन वक्त पर किसी तकनीकि समस्या के कारण ऐसा नहीं हो पाया.
Postpaid mobile services to be restored at 12 noon today, in the remaining parts of Jammu and Kashmir.
— ANI (@ANI) October 14, 2019
कब बहाल होंगी इंटरनेट सेवा?
बात करें इंटरनेट सेवाओं की तो इसके लिए घाटी के लोगों और थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो घाटी में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए स्थिति का जायजा ले रही है. इससे पहले राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत की. रोहित कंसल ने बताया,'आर्टिकल 370 हटने बाद बाहर से सहायता प्राप्त आतंकवादियों' को जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने से रोकने के लिए कुछ पाबंदियां लगाने की दरकार थी, लेकिन अब उसे हटाया जा रहा है.' उन्होंने बताया जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत से भी ज्यादा इलाकों से पाबंदियां हटा दी गई है. पॉलिटिकल लीडर्स समेत हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को रिहा करने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं.
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार से सभी पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल करने की भी घोषणा कर दी है. जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को 5 अगस्त को रद्द करने के बाद से ही कश्मीर में एहतियात के तौर पर मोबाइल फोन सेवाओं और इंटरनेट सुविधाओं को बंद कर दिया गया था.
श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, 'घाटी में समग्र स्थिति में सुधार के बाद सोमवार सुबह से पोस्ट-पेड मोबाइल फोन सेवाओं को बहाल करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है.' इंटरनेट सुविधा की बहाली पर हालांकि कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. घाटी में पांच अगस्त से इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं.
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कंसल ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 16 अगस्त से ही पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई जाने लगीं और सितंबर का पहला हफ्ता आते-आते ज्यादातर प्रतिबंध हटा लिए गए. आठ से 10 थाना क्षेत्रों के अलावा लोगों की आम गतिविधियों पर लगी पाबंदियां बिल्कुल हटाई जा चुकी हैं.'उन्होंने पर्यटकों को भी राज्य में आने का न्योता दिया और कहा कि राज्य में सैलानियों का स्वागत है. सरकार उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाने को प्रतिबद्ध है. पर्यटन स्थलों पर इंटरनेट सुविधाएं बहाल की जा रही हैं. इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर में स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थान भी खोले जा चुके हैं. इनमें हालांकि अभी तक छात्रों की काफी कम संख्या देखी जा रही है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो