कठुआ बलात्कार मामले में एक नया मोड़ आ गया है. जांच करने वाली टीम SIT के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है. बचाव पक्ष के वकील अंकुर शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जम्मू की अदालत ने स्पेशल जांच दल (SIT) के सभी सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. जो रसाना मामले की जांच कर रहे थे. एसएसपी जम्मू को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. 7 नवंबर से पहले अनुपालन रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.
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Ankur Sharma, defence lawyer in Kathua rape case: Prima facie the court was satisfied that the crime branch indulged in custodial torture, manufacturing of false evidence, criminal intimidation, illegal confinement & many other serious offences. https://t.co/2YzfGEQYKE
— ANI (@ANI) October 22, 2019
प्रथम दृष्टया में अदालत ने पाया कि चश्मदीद गवाहों के खिलाफ संज्ञेय अपराध किए गए और उन्हें कथित तौर पर गलत बयान देने के लिए मजबूर किया गया. जम्मू एसएसपी को 11 नवंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ पिछले साल गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी. मामले की सुनवाई पठानकोट के अदालत में चल रही थी. कोर्ट ने 7 में से 6 आरोपियों को दोषी करार दिया. तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई. वहीं तीन आरोपियों को 5-5 साल की सजा मिली. सातवें आरोपी विशाल मुख्य दोषी सांजी राम के बेटे को बरी कर दिया गया.
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कठुआ के गांव रासना के आसपास अल्पसंख्यक बकरवाल समुदाय के कुछ परिवार आकर बस गए थे. मंदिर का सेवादार सांजीराम इन लोगों को गांव से हटाना चाहता था. उसी ने यह पूरी साजिश रची थी. राजस्व अधिकारी के पद से रिटायर सांजी राम पड़ोसी की 8 साल की बच्ची को रोज पशुओं को चराने के लिए जंगल जाते देखता था. हैवान के मन में पाप जाग गया और उसने अपने भतीजे को भी इस पाप में शामिल कर लिया था.
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12 जनवरी को बच्ची के पिता ने हीरानगर थाने में अपनी बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई. जांच की जिम्मा विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया को दिया गया. इसकी टीम में एएसआई प्रवेश कुमार, सुरिंदर कुमार और हेड कॉन्टेबल तिलक राज भी शामिल थे. इस बीच सांजी का भतीजा मेरठ में अपने दोस्त विशाल जंगोत्रा को फोन करके बच्ची से रेप करने के लिए कठुआ बुलाया.