जम्मू-कश्मीर खास तौर पर जम्मू में अपनी जड़े गवां चुके पाकिस्तान में बैठे लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठन अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने के लिए अब बड़े पैमाने पर लगातार IED वाली साजिशे रच रहे हैं। इस साल पिछले 10 महीनो में कश्मीर के साथ जम्मू के सभी दस जिलों में सुरक्षा एजेंसियां डेढ़ दर्जन से ज्यादा IEDs बरामद कर चुकी है जो सीधे तौर पर आतंकी हमलों की नई रणनीति की और इशारा कर रही है। 3 टिफिन IEDs सुरक्षाबलों ने रामबन के संगलदान इलाके से रामबन में पड़ने वाले 3 ब्रिज की तस्वीरों के साथ बरामद की है जिसने सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर चिंताओं की लकीरें बड़ा दी है। रामबन में पकड़ी गई से IEDs आतंकियो के बड़े मंसूबों की और साफ इशारा कर रही है। इस साल आतंकी लागतार IED से हमला करने की बड़ी कोशिशें कर चुके हैं, जिनमें उधमपुर में दो बसों IED की मदद से आतंकी धमका करने में कामयाब भी रहे हैं।
वहीं, ज्यादातर मामलों में सुरक्षा एजेंसियां इन IED को बरामद करने में कामयाब भी रही है। अगर IED की बात करें तो इस समय आतंकी संगठन टिफिन IED, प्रेशर कुकर IED और खास तौर में स्टिकी IED को लागतार बोर्डर पार से भारतीय सीमा में सप्लाई करने की कोशिशों में लगा है ताकि वो अपनी नाकाम साजिश को अंजाम दे सकें. जम्मू रीजन के सभी 10 जिलों जम्मू राजोरी, पुंछ, कठुआ, सांबा, उधमपुर, रियासी, डोडा, किश्तवाड़, रामबन में आईईडी की बरामदगी के मामले सामने आ चुके हैं। सुरक्षाबलों ने आज ही बांदीपुरा हाईवे पर एक IED बरामद की है जिसे BDS की टीम ने निष्क्रिय किया है वही बात करे तो पिछले महीने अक्तूबर मे गृह मंत्री अमित शाह की रैली से पहले एक महिला को IED के साथ गिरफ्तार किया गया जो पाकिस्तान से बॉर्डर के रास्ते भेजी गई थी। इसी साल जुलाई पुलिस ने जम्मू से एक सरेंडर आतंकी के साथ कठुआ और सांबा से 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया, जिनसे 7 स्टिकी बम मिले। सितंबर में रियासी जिले से दो आतंकी गिरफ्तार हुए, जिनकी निशानदेही पर राजोरी से दो और आतंकी पकड़े गए, जिनके पास से 8 स्टिकी आईईडी सुरक्षाबलों को मिली । इस बीच आतंकी उधमपुर के सलाथिया चौक, उधमपुर के पुराने बस स्टैंड और दोमेल चौक पर 3 बार स्टिकी बम से हमले करने में भी कामयाब हो गए । अप्रैल के महीने में राजोरी में स्टिकी बम से हमला किया गया।उधमपुर धमके मामले में बसतंगढ़ से एक आतंकी गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 4 आईईडी मिलीं और इसी हफ्ते कठुआ से गिरफतार जैश आतंकी जाकिर की गिरफ्तारी के बाद उससे 7 आईईडी बरामद की गई.
वहीं, अगर सुरक्षा जानकारों की बात करे तो ऑपरेशन अल ऑउट और NIA की टेरर लिंक और टेरर फंडिंग के मामले में चल रही रेड के कारण आतंकी संगठन कैडर की कमी से जूझ रहे है। एंटी टेरर ग्रिड स्ट्रिंग को के कारण भी आतंकी भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हो पा रहे । हो भी रहे है तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया जा रहा है। ऐसे में जैश और लश्कर पुराने सरेंडर आतंकी और OGW का इस्तेमाल IED को रिसीव करने और प्लांट करने में कर रही है।
Source : Shahnwaz Khan