पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने एक बार फिर मोदी सरकार (Modi Government) पर हमला बोला है. महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग जम्मू-कश्मीर को प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और यहां प्रयोग कर रहे हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं के पास जम्मू-कश्मीर के लिए दूरदृष्टि थी, लेकिन यह सरकार हिंदू और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करती है. सरदार अब खालिस्तानी हैं, हम पाकिस्तानी हैं, सिर्फ बीजेपी ही हिंदुस्तानी है...
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ...परिसीमन की कवायद बेतरतीब ढंग से की जा रही है. वे सिर्फ नाम बदल रहे हैं (स्कूलों का नामकरण शहीदों के नाम पर) लेकिन नाम बदलने से बच्चों को रोजगार नहीं मिलेगा. वे (केंद्र) तालिबान, अफगानिस्तान के बारे में बात करते हैं, लेकिन किसानों, बेरोजगारी के बारे में नहीं...
Those in Delhi are using J&K as a laboratory & are experimenting here. Leaders like, Nehru, Vajpayee had vision for J&K but this govt creates a divide b/w Hindu and Muslims. Sardars are now Khalistani, we are Pakistani, only BJP is Hindustani...: PDP chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/z7dfTxNVaj
— ANI (@ANI) September 21, 2021
...Delimitation exercise is being done haphazardly. They are only changing names (naming schools after martyrs) but children will not get employment by changing names. They (Centre) talk about Taliban, Afghanistan but not about farmers, unemployment...: PDP chief Mehboba Mufti pic.twitter.com/P0IuOVbcen
— ANI (@ANI) September 21, 2021
महबूबा मुफ्ती ने अलापा तालिबान राग
आपको बता दें कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने तालिबान पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि तालिबान हकीकत बनकर सामने आ रहा है. और उनको चहिए कि पहली बार उनकी जो छवि बनी है वो इंसानों के खिलाफ थी लेकिन अबकी बार वो आए हैं और हुकूमत करना चाहते हैं. अफगानिस्तान में तो बाकी जो असली शरिया कहता है, जो हमारे कुरान शरीफ में है.जो बच्चों और औरतों के अधिकार हैं. किस तरह से शासन करना चाहिए जो मदीने का हमारा मॉडल रहा है. तो अगर वो वाकई उसपर अमल करना चाहते हैं तो वो दुनिया के लिए मिसाल बन सकते हैं. अगर वो उसपर अमल करेंगे तभी दुनिया के देश हैं उनके साथ कारोबार कर सकते हैं. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अब सरकार गठन के बाद महबूबा मुफ्ती ने भी इसपर अपनी राय रखी है.
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वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी तालिबान पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने श्रीनगर में एक कार्यक्रम में कहा था कि तालिबान को अफगानिस्तान में इस्लामिक नियमों के आधार पर शासन करना चाहिए, दुनिया के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि तालिबान हर किसी से इंसाफ करेगा. फारूक के बाद अब जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को तालिबान से बहुत आशा दिख रही है.
HIGHLIGHTS
- पीडीपी प्रमुख ने फिर मोदी सरकार पर बोला हमला
- दिल्ली के लोग जम्मू-कश्मीर को प्रयोगशाला के रूप में कर रहे इस्तेमाल
- नाम बदलने से लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा