हिजाब पर विवाद बढ़ता जा रहा है. कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ यह विवाद अब देश के दूसरे राज्यों में फैलता जा रहा है. असदुद्दीन ओवैसी के अलावा अब दूसरे मुस्लिम नेता भी हिजाब विवाद में कूद पड़े हैं. हर कोई इसे व्यक्ति के निजी स्वतंत्रता और इस्लाम का अंग बता रहा है. एक स्कूल ये शुरू हुए विवाद पर राजनीतिक दल अपने हानि-लाभ को देखकर बयान पर बयान दिए जा रहे हैं. इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में कहा कि, "मुझे डर है कि बीजेपी हिजाब पर नहीं रुकेगी. वे मुसलमानों के अन्य प्रतीकों के लिए आएंगे और सभी को मिटा देंगे. भारतीय मुसलमानों के लिए सिर्फ भारतीय होना ही काफी नहीं है, उन्हें भी बीजेपी होना जरूरी है."
उन्होंने कहा कि, "जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक मामला है लेकिन वे (भाजपा) इसे एक सामुदायिक मामला बनाना चाहते हैं."
कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है. कुरान में इस शब्द का 7 बार जिक्र किया गया है, लेकिन ड्रेस कोड के संदर्भ में नहीं। हिजाब को लेकर विवाद मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा में बाधा डालने की साजिश का हिस्सा है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला पुलवामा में हिजाब विवाद पर कहा कि, "प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार पहनने और खाने का अधिकार है और वह अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने के लिए स्वतंत्र है. कुछ कट्टरपंथी तत्व हैं जो लोगों को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करके चुनाव जीतने की कोशिश में एक धर्म पर हमला कर रहे हैं."
Source : News Nation Bureau