पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि उन्हें दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में श्रीनगर के गुपकर मार्ग पर उनके निवास से बाहर जाने से रोका गया. वह दरअसल सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 30 दिसंबर 2020 को मारे गए अतहर मुश्ताक के परिवार से मिलने के लिए दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जा रही थीं. मुफ्ती द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो में, वह अपने आवास के गेट पर एक सुरक्षा अधिकारी से बहस करती हुई दिखाई देती हैं और उसे बाहर जाने से रोकने के लिए कारण पूछती हैं. मुफ्ती ने कहा, कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में मारे गए अतहर मुश्ताक के परिवार से मिलने की कोशिश के तहत घर में नजरबंद किया गया है. उनके पिता के खिलाफ बेटे के शव की मांग करने के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने कहा, कश्मीर में दमन और आतंक का यह शासन अबाधित और तथ्यहीन सत्य है, जिसे भारत बांकी देशों से छुपाना चाहता है. एक 16 साल के व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है और उसके बाद उसके परिवार को उसके अंतिम संस्कार के अधिकार और मौके से वंचित कर दिया जाता है. श्रीनगर में पुलवामा एजाज गनाई, शोपियां के जुबैर लोन और पुलवामा के अतहर मुश्ताक लवेपोरा में मुठभेड़ में मारे गए थे. सेना ने कहा कि उन्हें बार-बार आत्मसमर्पण करने का मौका दिया गया, जो उन्होंने नहीं किया और इसके बदले उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की और हथगोले फेंके. मारे गए लोगों के परिवार का दावा है कि उनके बेटे आतंकवादी नहीं थे. वे मृतक के शव को वापस करने की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक लोकसभा में शनिवार को पास हो गया है. इससे पहले सदन में जम्मू-कश्मीर को लेकर लंबी चर्चा हुई. विपक्ष ने भी तमाम सवाल उठाए. धारा 370 हटाए जाने के बाद राज्य के हालातों पर भी सवाल उठाए गए, साथ ही पूछा गया कि वहां क्या बदल गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उठाए सभी सवालों पर विस्तार से जवाब दिया. अमित शाह ने पूर्व राज्य का दर्जा देने पर कहा कि उपयुक्त समय पर किया जाएगा. लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है. साथ ही शाह ने कहा कि सही वक्त आने पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
Source : IANS/News Nation Bureau