अफगानिस्तान में तालिबान के पूर्ण कब्जे के बाद भारत समेत तमान देशों से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. भारत में कई नेताओं और तथाकथित सामाजिक संगठनों ने तालिबान का समर्थन किया है. इस बीच रविवार को जम्मू-कश्मीर से बड़ी खबर सामने आई है. यहां पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने अफगानिस्तान को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कश्मीर की तुलना अफगानिस्तान से की है. महबूबा ने कहा कि कश्मीर में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं, सरकार को चाहिए कि कश्मीरियों से बातचीत कर इस मसले को सुलझाए. उन्होंने आगे कहा कि हमारे बर्दाश्त का बांध टूट गया तो भाजपा नहीं रहेगी. अफगानिस्तान को लेकर दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि तालिबान ने अमेरिका की सेना को मार भगाया है. पीडीपी मुखिया ने केंद्र सरकार से अफगानिस्तान में रह रहे कश्मीरी लोगों को सुरक्षित वापस लाने की अपील भी की.
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महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहती है कि जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था बनी रहे तो उसे आर्टिकल 370 बहाल करना होगा. इसके साथ ही कश्मीर के लोगों से बातचीत करके कश्मीर के मुद्दों का हल निकालना होगा. आपको बता दें कि महबूबा रविवार को कुलगाम में एक सभा को संबोधित कर रहीं थी. इस दौरान उन्होंने तालिबान के बहाने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान ने अमेरिका की सेना के पांव उखाड़ दिए, जिसके बाद वो भागने को मजबूर हो गए. लेकिन तालिबान क्या कर रहा है इस पर पूरी दुनिया की नजर है. महबूबा ने कहा कि मैं तालिबान से कहना चाहती हूं कि वो ऐसा कोई कदम न उठाए जिसकी वजह से दुनिया को उनके खिलाफ जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने यह भी कहा कि अब तालिबान में बंदूकों की कोई भूमिका नहीं है.
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पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू कश्मीर के नेताओं से वादा किया था कि यहां के लोगों की पहचान की हर तरह से रक्षा की जाएगी. इसके साथ ही राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा. महबूबा ने कहा कि अगर देश की आजादी के समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार होती तो मुल्क आजाद ही नहीं हो पाता.
Source : News Nation Bureau